Health 

बिहार में कोरोना महामारी से मजाक, बसों में ठूंस-ठूंसकर बैठाये जा रहे यात्री

खतरे से लापरवाह शासन, प्रशासन ने साधी चुप्पी

Ajit Mishra

पटना। बिहार में अब सड़कों पर अफरा तफरी देखकर लगता है कि यहां आम जनता से लेकर शासन-प्रशासन के मन से कोरोना का भय समाप्त हो गया है यहाँ लोग मान चुके हैं कि लॉक डाउन के समाप्ति के बाद कोरोना वायरस की समस्या भी समाप्त हो गयी है।हालांकि बिहार में आज भी छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से कोरोना के मरीज रोज मिल रहे हैं।पुलिस प्रशासन भी अपने आंखों के सामने नियमों की धज्जियां उड़ते देख रहा है लेकिन अज्ञात कारणों से चुप्पी साध रखी है। अनलॉक 1 के शुरुआत में शासन स्तर पर यह कहा गया था कि लॉक डाउन की तरह हीं सबको सोशल डिशटेन्स का पालन करना होगा,मुँह पर मास्क बांधना जरूरी होगा।साथ हीं सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में यात्री सीटों पर एक यात्री हीं बैठेंगे और खड़ा होकर कोई यात्रा नहीं करेगा।लेक़िन इन तमाम निर्देशों की अधिकांश सड़कों पर धज्जियाँ उड़ाई जा रहीं हैं।बसों में पहले की तरह ठूंस-ठूंसकर यात्री बैठाये जा रहे हैं।आटो और अन्य परिवहन साधनों में भी यात्रियों को पूरा भरकर चलाया जा रहा है।यही नहीं बेमतलब सड़को पर आवारा की तरह घूमने वालों की भीड़ लगनी शुरू हो गयी है।अधिकांश लोग बिना मास्क के हर जगह घूमते दिखाई दे रहे हैं।सेनेटाइजर या डिस्टनसिंग का पालन मजाक बनकर रह गया है।ऐसा तब है जब बिहार में पोजेटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

सोमवार को आयी जांच रिपोर्ट में में भी 106 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई हैं,जिसके बाद कोरोना के संक्रमितों की संख्या अब बढ़कर 6581 हो गयी है,वहीं, पिछले 24 घंटे में तीन कोरोना मरीजों की मौत भी हो चुकी है जिसके बाद राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मृतकों की संख्या बढ़कर अब 39 हो गई है। समाचार के अनुसार नवादा में 39वें कोरोना मरीज की मौत हुई है।रात में ही उसकी मौत हो गई थी। मृतक हिसुआ प्रखंड के सोनसा गांव का निवासी बताया गया है। मौत के बाद ट्रूनेट मशीन से जांच में मृतक के कोरोना पॉजीटिव होने की पुष्टि हुई। उसके बाद उसका सैंपल पुन: जांच के लिए पटना भेजा गया है। सिविल सर्जन डॉ. विमल प्रसाद सिंह ने कहा कि ट्रूनेट मशीन से जांच में मृतक कोरोना पॉजिटिव पाया गया हैं। पुन: जांच के लिए सैंपल पटना भेजा गया है। फिलहाल, कोरोना संदिग्ध मानते हुए शव का अंतिम संस्कार कराया जाएगा इन सभी खतरनाक बिंदुओं पर ध्यान देते हुए लगता है कि बिहार के लिए प्रशासनिक लापरवाही बहुत भारी पड़ने वाली है।जागरूक लोगों का कहना है कि बिहार के गैरजिम्मेदार लोग यहाँ भी दिल्ली और महाराष्ट्र जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं।इसमें शासन और प्रशासन का संकट के प्रति मुँह फेर लेना भी भयानक संकट का संकेत दे रहा है।अधिकांश लोगों को लगता है कि कोरोना महामारी को गम्भीरता से लेने की जरूरत है।जो लोग बात की भाषा समझते हैं उन्हें समझाना चाहिये वहीं जो लोग सिर्फ पुलिस के लाठी की भाषा समझते हैं उन्हें हर हाल में जरूर लठिआया जाना चाहिए।

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