Astrology धर्म-कर्म 

Kawad Yatra : कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा और कब शिवलिंग पर चढ़ाया जाएगा जल, जानें शिव पूजा का शुभ समय

भगवान शिव की पूजा के लिए श्रावण मास को सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव को श्रावण का महीना बहुत ज्यादा प्रिय है। यही कारण है कि भोले के भक्त इस पूरे माह उनकी पूजा में मगन रहते हैं। महादेव की पूजा से जुड़ा श्रावण मास इस साल 4 जुलाई 2023 को प्रारंभ होगा और इसकी समाप्ति 31 अगस्त 2023 को होगी। ऐसे में इस साल शिव के भक्त अपने आराध्य देवता की तकरीबन दो महीने पूजा कर सकेंगे। आइए जानते हैं इस साल कांवड़ यात्रा कब शुरु होगी और कब शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाएगा।

कब शुरू होगी कांवड़ यात्रा

ज्योतिषाचार्य विमल जैन के अनुसार इस साल कावड़ यात्रा श्रावण मास के पहले दिन यानि 4 जुलाई 2023 से प्रारंभ होगी और 15 जुलाई 2023 तक चलेगी। इस साल 15 जुलाई 2023 को शिवरात्रि पड़ेगी और इसी दिन शिव भक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाएंगे। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए शुभ मुहूर्त रात्रि 08:32 बजे प्रारंभ होकर 16 जुलाई 2023 तक रहेगा। इस इस बार महादेव को जल चढ़ाने के लिए 2 दिन का मुहूर्त है। ऐसे में शिव भक्त दो दिन शिव को जल चढ़ाकर उनकी साधना-आराधना कर सकेंगे। वहीं चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को 8:32 से प्रारंभ होगी 16 जुलाई को 10:08 तक रहेगी। विमल जैन के अनुसार भले ही इस साल शिव भक्त दो दिन जल चढ़ा सकते हैं लेकिन इसका सबसे उत्तम मुहूर्त 15 जुलाई 2023 शिवरात्रि को 8:32 पर रहेगा।

किसने की थी पहली कांवड़ यात्रा

पहली कांवड़ यात्रा भगवान परशुराम जी ने की थी और उन्होंने हरिद्वार से गंगाजल लेकर पुरा महादेव में जाकर चढ़ाया था। मान्यता है कि पुरा महादेव में शिवलिंग की स्थापना भी भगवान परशुराम जी ने की थी। वर्तमान में लोग अपनी-अपनी श्रद्धा और विश्वास से जुड़े शिव धाम जाकर महादेव की पूजा करते हैं।

क्यों चढ़ाया जाता है शिव को जल

हिंदू मान्यता के अनुसार जब देवताओं और दैत्यों द्वारा किए गये समुद्र मंथन से हलाहल विष निकला तो भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए उसे पीकर अपने गले में रोक लिया। जिसके बाद महादेव का कंठ नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। मान्यता है कि भगवान शिव के गले में इकट्ठे हुए विष की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए शिव भक्त विशेष रूप से शिवरात्रि के दिन जल चढ़ाते हैं ताकि उनके गले में स्थित नकारात्म्क उर्जा दूर हो सके।

You cannot copy content of this page