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काशी-तमिल संगमम् का संकल्पों के साथ समापन : बोले गृहमंत्री अमित शाह- ये प्रयास देश की भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने का सफल प्रयास सिद्ध होगा, PM Modi ने श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार किया

Varanasi : उत्तर और दक्षिण के रिश्ते की प्रगाढ़ता के लिए 17 नवंबर से बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में चल रहे काशी-तमिल संगमम् का शुक्रवार को संकल्पों के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोगों को एक भारत-श्रेष्ठ भारत का संदेश दिया। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने काशी तमिल संगमम के एक माह तक के आयोजन को अलौकिक बताते हुए कहा कि यह भारत की दो महान सांस्कृतिक धरोहरों का अद्भुत संगम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी तमिल संगमम की कल्पना की पूर्णाहुति होने जा रही है। हालांकि ये पूर्णाहुति नहीं है। यह भारतीय संस्कृति के दो उटुंग शिखर, तमिलनाडु की संस्कृति, दर्शन, भाषा, कला, ज्ञान और विश्व में जिसकी मान्यता है, ऐसी काशी की सांस्कृतिक विरासत के मिलन की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से हमारे देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री ने काशी तमिल संगमम के माध्यम से सदियों बाद ये प्रयास किया है।

ये प्रयास पूरे देश की भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने का सफल प्रयास सिद्ध होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गुलामी के एक लंबे काल खंड में हमारी संस्कृति और विरासत को मलिन करने का प्रयास किया गया है। यह आनंद का विषय है कि भारत की आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काम किया है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि भारत अनेक संस्कृतियों, भाषाओं, बोलियों और कलाओं से बना हुआ देश है।

मगर, इन सबके बीच में बारीकी से देखें तो उसकी आत्मा एक है और वह भारत की आत्मा है। दुनिया के अन्य देश जिओ पॉलिटिकल आधार बने हुए हैं, लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद एक समय ऐसा आया, जब देश की सांस्कृतिक एकता में जहर घोलने का प्रयास किया गया।

लेकिन अब समय आ गया है, एक भारत श्रेष्ठ भारत की रचना करने का और वो भारत की सांस्कृतिक एकता से ही हो सकता है। उन्होंने काशीवासियों धन्यवाद देते हुए कहा कि तमिलनाडु से आए हुए सभी भाई-बहनों का काशीवासियों ने मन से स्वागत किया है। तमिलनाडु वाले काशी को कभी भूल नहीं सकते।

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