छह दिनी CME का शुभारंभ : आयुर्वेद, प्राचीन संस्कृत वांग्मय और आयुर्वेद की उत्पत्ति से लेकर नवीन शोध पर चर्चा
Varanasi : राजकीय स्नाकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में शिक्षकों के लिए 12 अगस्त से 17 अगस्त तक होने वाले 6 दिवसीय CME कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को कुलपति संपूर्णानंद विश्वविद्यालय प्रो. हरेराम त्रिपाठी, प्राचार्य प्रो. नीलम गुप्ता, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय प्रमुख प्रो के.एन. द्विवेदी, प्रो. के.आर.सी रेड्डी (बी. एच. यू), प्रो. पी.के. प्रजापति (AIIA), प्रो. आनंद चौधरी, बी. एच. यू, तथा प्रो. संजय कुमार पांडेय के द्वारा किया गया।
उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी ने आयुर्वेद, प्राचीन संस्कृत वांग्मय और आयुर्वेद की उत्पत्ति से लेकर नवीन शोध पर सबका ध्यान आकृष्ट कराया।
कार्यक्रम के प्रथम व्याख्यान में प्रो. आनंद चौधरी ने आयुर्वेदिक औषधीय निर्माण पद्धति, मानकीकरण, लाइसेन्सिंग, आयुर्वेदिक औषधि अनुसंधान के ऊपर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
द्वितीय व्याख्यान में प्रो. के.आर.सी रेड्डी ने उपकरणों की सहायता से अल्प समय में गुणकारी रसशास्त्री औषधि के विषय पर अपना विचार प्रस्तुत किया।
तृतीय व्याख्यान में प्रो पी.के. प्रजापति ने रसशास्त्री औषधियों के चयन, कैमिकल परीक्षण, गुणवक्ता के विषय में विस्तृत व्याख्यान दिया।
व्याख्यान सत्र का संचालन डॉ. आशुतोष यादव और डॉ. पी.एल संखुआ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ. परवेज अहमद अंसारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. अंकित कुमार गुप्ता, डॉ. परवेज अहमद अंसारी, डॉ. ऋचा पाठक द्वारा किया गया। पूरे देश से कुल 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया है।