Lockdown : परंपरा का होगा निर्वहन, निर्जला एकादशी पर 11 भक्त करेंगे बाबा का जलाभिषेक
नहीं निकलेगी हर साल निकलने वाली शोभायात्रा
जलाभिषेक की परंपरा निभाने की अनुमति मिली
Varanasi : लॉकडाउन के चलते सभी देवालयों को बंद कर दिया गया है। आगामी दो जून को पड़ने वाले निर्जला एकादशी पर इस वर्ष परंपरा का निर्वहन होगा। 11 भक्त श्रीकाशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करेंगे। लॉकडाउन के चलते हर साल निकलने वाली शोभायात्रा इस वर्ष नहीं निकलेगी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक की परंपरा निभाने की अनुमति मिल गयी है। निर्जला एकादशी के दिन 72 दिनों बाद बाबा भोलेनाथ अपने भक्तों से रूबरू होंगे। गत बीस वर्षों से प्रति वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को काफी वृहद रूप से श्रीकाशी विश्वनाथ की वार्षिक कलश यात्रा आयोजित होती आ रही है। कलश यात्रा में एक हजार के करीब श्रद्धालु सम्मिलित होते रहे हैं। लेकिन साल सिर्फ 11 श्रद्धालु और चार डमरू वादकों सहित कलश यात्रा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुचेगी। कलश यात्रा को गेट नंबर चार से प्रवेश कराया जाएगा। दर्शन के बाद अभिषेक, पूजन आदि तारकेश्वर मंडप में कराया जाएगा।
श्रीकाशी मोक्षदायिनी सेवा समिति के संरक्षक एवं कार्यक्रम संयोजक ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के कार्यपालक अधिकारी को भेजे अनुरोध पत्र में कहा था कि इस वर्ष 21वी श्रीकाशी विश्वनाथ वार्षिक कलश यात्रा मात्र 11 श्रद्धालुओं के साथ आयोजित करना चाहते हैं। समिति ने विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, एसपी सिक्योरिटी (ज्ञानवापी) और कमांडेंट 95वीं बटालियन सीआरपीएफ को अनुरोध पत्र भेजकर 11 श्रद्धालुओं की कलश यात्रा को मंदिर में प्रवेश और जलाभिषेक की अनुमति की मांग की थी।
अनुरोध पत्र के मुताबिक, 11 श्रद्धालुओं और चार डमरूवादकों के साथ राजेंद्र प्रसाद घाट से सुबह साढे सात बजे कलश यात्रा प्रारंभ होकर तकरीबन साढे आठ बजे ज्ञानवापी पहुंचेगी। इन 11 कलशधारी श्रद्धालुओं को निर्जला एकादशी के अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक की परंपरा निभाने की अनुमति की मांग की गयी थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने अनुरोध को स्वीकार कर एसपी सिक्योरिटी और कमांडेंट 95वीं बटालियन सीआरपीएफ को पत्र भेजकर कहा है कलश यात्रा में शामिल 11 श्रद्धालुओं और चार डमरू वादकों को गेट नंबर चार से दाखिल कराया जाएगा।
