#Lockdown : रमजान में मस्जिद में नमाज पढ़ने की नहीं है कोई अनुमति, DM ने अफवाहों पर लगाया विराम

#Varanasi : रमजान-उल-मुबारक का महीना लॉकडाउन के दौरान 25 या 26 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने भ एतिहात के तौर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोना महामारी के बीच भीड़ से बचने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों को घर पर नमाज पढ़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि लोग सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करें और रमजान मुबारक के रोजों के साथ हर दिन अदा की जाने वाली पांच वक्त की नमाज के अलावा तरावीह की विशेष नमाज अपने-अपने घरों पर अदा करें।

जिला प्रशासन के साथ मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी लोगों से एक स्वर में यह अपील की है कि कोई भी रमजान के दौरान तरावी अथवा नमाज के लिए मस्जिद में ना जाए। इस समय धर्म का भी यही निर्देश है कि जब स्थितियां अनुकूल ना हो तब कोई भी धार्मिक स्थल पर ना जाए। इसी बीच शहर में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में यह अफवाह कुछ लोग अफवाह फैला रहे है कि जिला प्रशासन ने रमजान के मौके पर मस्जिदों में नमाज पढऩे की अनुमति दे दी गई है।

खुफिया तंत्र हुआ सक्रिय

अफवाह फैलते ही खुफिया तंत्र सक्रिय हुआ और बात जिला प्रशासन तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। इस संदर्भ में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि कुछ लोगों ने यह प्रचारित कर दिया था कि प्रशासन के द्वारा मस्जिदों में नमाज पढऩे की अनुमति लिखित रूप से जारी की जा रही है। कुछ लोगों ने इस बाबत पूछताछ शुरू कर दी थी। पर ऐसा कोई आदेश नही जारी हुआ है, यह एक अफवाह है और ऐसे अफवाह फैलाने वालों पर कड़ाई से कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा सभी लोग अपना धार्मिक कार्य घर के अंदर रहकर ही करेंगे तथा धार्मिक स्थल जन सामान्य के लिए बंद रहेंगे।

करें सहयोग

डीएम ने कहा कि सब जनपदवासियों को जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया जाता है कि धर्म स्थल पर जाकर तरावीह नमाज़ पढऩा पूरी तरह बंद रहेगा और इसके लिए सभी सम्मानित धर्मगुरुओं की बात को आदेश की तरह मानते हुए सभी कोरोना के खिलाफ इस जंग को जीतने के लिए घर पर रहकर तरावीह आदि धार्मिक कार्य करते हुए सहयोग दें।

सम्मानित उलेमाओं ने जारी किया फतवा

लॉकडाउन के बीच देश और प्रदेश के ख्याति प्राप्त सम्मानित उलेमाओं ने भी इस आशय का फतवा जारी किया है कि स्वयं अपने और अपने परिवार जनों की जीवन रक्षा के लिए घर के अंदर ही सभी धार्मिक कार्य करें और किसी भी दशा में धर्म स्थलों का प्रयोग ना करें।