निशात हास्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर में विवाहिता की मौत : परिवार के लोगों ने हंगामा किया, डॉक्टर ने ये बात कही, इस तरह हुआ समझौता
Varanasi : चौबेपुर क्षेत्र में बाबतपुर-मुनारी मार्ग पर एक निजी सर्जिकल सेंटर पर प्रसव के बाद महिला को ब्लड चढ़ाने के बाद मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ आक्रोश जताते हुए करीब आठ घंटे तक शव को अस्पताल के बाहर रखकर हंगामा किया।
जयरामपुर के निवासी अनिल राजभर की पत्नी 24 वर्षीय पूनम राजभर को दर्द होने पर प्रसव के लिए 1 सितम्बर की रात निशात हास्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर मुनारी में भर्ती कराया गया। शुक्रवार की भोर पूनम राजभर को बेटा पैदा हुआ। चिकित्सक ने खून की कमी बताया।
खून का चार हजार जमा कराकर अपने अस्पताल से ब्लड चढ़ाया। ब्लड चढ़ाने के बाद रात 9 बजे हालत खराब होने लगी। कर्मचारियों ने दवा-इलाज शुरू किया लेकिन रात उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना पर परिजनों के साथ लोगों ने अस्पताल के प्रति आक्रोशित होकर शव को लेकर अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया।
सूचना पर चौबेपुर प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह फोर्स के साथ घटना स्थल पर पहुंचकर समझाने बुझाने का प्रयास करने लगे लेकिन हंगामा कर रहे लोग कारवाई की मांग को लेकर घंटों खड़े रहे। मौके पर कई राजनैतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता भी पहुंच कर लापरवाह चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई व आर्थिक सहयोग की मांग करने लगे। भाजपा नेता रवि सिंह व ग्राम प्रधान ने किसी तरह अस्पताल की चिकित्सक डा. सेहरा खातून से बात कर 10 लाख रुपए का चेक परिजनों को दिलवाकर मामला शांत करा दिया। परिजन शव को लेकर घर चले गए। मृतक महिला की शादी 4 वर्ष पूर्व हुई थी।उसे ढाई साल का एक बेटा अनमोल है। पति मुम्बई में रहकर मजदूरी करता है।
डॉक्टर और परिवार वालों की बात
इस बारे में सर्जिकल सेंटर चलाने वाली चिकित्सक डा. सेहरा खातून ने मोबाइल पर बताया कि मौत हृदयाघात के चलते हुई है। इसमें हमारा क्या दोष। जबकि, परिजनों का कहना था कि लापरवाही के चलते मौत हुई है। हालांकि, आपसी सुलह समझौता होने के बाद मामला शांत हो गया।
थाना प्रभारी बोले
प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह का कहना है कि दोनों पक्षों ने आपस में सुलह-समझौता कर लिया। तहरीर किसी ने नहीं दी है। तहरीर मिलती तो पुलिस वैधानिक कार्रवाई जरूर करती।

