खानापूर्ति से मच्छरों की बल्ले-बल्ले : मोहल्ले और गलियों में नहीं हो रही फागिंग, मच्छरजनित बीमारियों का सता रहा डर
Varanasi : बाढ़ के बाद शहर में मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बरकरार है। यही वजह है कि दिन-प्रतिदिन डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। देखते ही देखते डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 20 हो चुकी है। बाढ़ के उतरने के बाद से शहर के कई हिस्सों में संक्रामक बीमारी का खतरा बढ़ गया है। गंगा तटवर्ती इलाकों यथा लंका, सामनेघाट, राजघाट, सरैया, चौकाघाट, गोदौलिया समेत कई इलाके रडार पर हैैं। साथ ही इन इलाकों से लगे हुए अन्य क्षेत्र में मच्छरों की तादात दिनों दिन बढ़ती जा रही है। वहीं, स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त होने का दावा करने वाला स्वस्थ्य महकमा बाढ़ प्रभावित व अन्य शहरी आबादी वाले मोहल्लों, कस्बों, गलियों और रोड पर फॉगिंग नहीं करा पा रहा है। हाल ही कई इलाकों के नागरिकों ने तत्काल महकमे से फॉगिंग करने की मांग की है ताकि, मच्छरों की बढ़ती तादात पर रोक लग सके।
मानसून के बाद उमस भरे माहौल और अधिक नमी होने से मच्छर आसानी से पैदा हो रहे हैैं। लिहाजा, इनकी तादात पर ब्रेक लगाने के लिए शहर भर में सघन रूप से फॉगिंग की जरूरत होती है। इसके लिए बाढ़ उतरने के साथ स्वास्थ्य महकमे और नगर निगम ने कमर कसी जरूर थी। लेकिन, दिन बीतने के साथ ऐसा लग रहा है कि मच्छरों से निबटने की तैयारी ठंडे बस्ते में जा चुकी है। इसलिए कुछ इलाकों को छोड़ दे तो शेष मोहल्लों, कॉलोनियों और कस्बों की पब्लिक फॉगिंग की राह तक रहे हैैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जिन इलाकों में सालिड वेस्टेज, कूड़ा-कचरा, खाली प्लाट, पानी का जमाव, झाड़ी और जहां-तहां पानी का जमाव हैैं। ऐसे स्थानों पर सितंबर के महीने में बेहिसाब मच्छर पैदा होते हैैं। इन मच्छरों के लार्वा में डेंगू के लार्वा के पैदा होने की आशंका होती है। लिहाजा, ऐसे स्थानों पर नियमित और समय से फागिंग कराकर हर प्रकार के मच्छरों की तादात को कंट्रोल किया जा सकता है।
इन इलाकों में मिले डेंगू के मरीज
टकटकपुर में दो, शिवपुर में एक और चितईपुर में एक डेंगू पीडि़त मरीज मिले हैैं। जिले में जिस तरह से डेंगू के पेशेंट मिलते जा रहे हैैं। मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए कई अस्पतालों में डेंगू वार्ड बना दिए गए हैैं। इस बीच जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल समेत अन्य हॉस्पिटलों में सर्दी, खांसी, जुकाम-बुखार, कमजोरी, जोड़ों में दर्ज आदि के मरीज भी बढऩे लगे हैैं।
इन इलाकों में फॉगिंग की दरकार
शहर के चौकाघाट, पांडेयपुर, नई बस्ती, नई बाजार, लहरतारा, काशी विद्यापीठ, लंका, नगवां, सामनेघाट, भदैनी, रवींद्रपुरी, लोहामंडी, जगतगंज, शिवपुर, साकेत नगर कॉलोनी, तेलियाबाग, छित्तुपुर, महमूरगंज, मैदागिन, मलदहिया, सारनाथ और रमना, अस्सी व वरूणा नदी के आसपास बसे इलाकों में फागिंग की जरूरत है।
समय से देनी होगी डेंगू की रिपोर्ट
डॉ.संदीप चौधरी ने कहा कि निजी लैब और हास्पिटल संचालकों द्वारा डेंगू के मरीजों का ब्योरा न भेजने पर कार्रवाई की जाएगी। ब्योरा मिलने से उस क्षेत्र में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाएगा, जिससे डेंगू की रोकथाम हो सके। उन्होंने बताया कि मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। एडीज एजिप्टी स्वच्छ पानी में पनपता है। इसलिए घर में पानी जमा न होने दें, कूलर का पानी बदलते रहें। डेंगू के केस बढऩे के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है, लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है।