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Mother’s Day 2020 : कौन समझाए! मां को शुक्रिया कहने का कोई दिन नहीं होता बंधु, नहीं भी कहोगे तो वो खफा नहीं होंगी

बतकहीबाज

मां के लिए क्या लिखूं, मां की ही तो लिखावट हूं। सोशल साइट पर लोगों की एक दिनी मोहब्बत देखकर खुद को लिखने से रोक न पाया। मदर्स डे। रविवार को कुछ लोगों ने सोशल साइट्स पर एक दिनी हैवी मशक्कत किया। सुबह से ही एक से बढ़कर एक पोस्ट अपडेट किए, मानो उनसे बड़ा मातृ भक्त धरती पर नहीं। गूगल खंगाला, तस्वीरें, क्वेट्स, शायरी आदि-इत्यादि अपने मसरफ की चीज सर्च, डाउनलोड, कॉपी-पेस्ट किया। बधाई संदेश और शेर वगैरा भी तलाशे गए। ताकि खूबसूरत अंदाज में सोशल साइट पर पोस्ट किया जा सके।

धड़कन का हर पल

कौन समझाए! मां को शुक्रिया कहने का कोई दिन नहीं होता बंधु। नहीं भी कहोगे तो वो खफा नहीं होंगी। वो बिना मतलब, तुम्हें मोहब्बत करती रहेंगी। तुम्हारे आंसू पोछेंगी। गुस्से में तुम्हारी बातें भी सुन लेंगी। मुनव्वर राना लिखते हैं, ‘लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक मां है जो मुझसे खाफा नहीं होती।’ भले ही दुनिया ने मां के लिए ‘मर्दस डे’ मुकर्रर किया हो, लेकिन वह हर दिन और सब घंटों की है। उनकी धड़कन का हर पल आपके साथ है।

जमीन पर पैर

मंजिल दूर और सफर बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है। मार डालती ये दुनिया कब की हमें, लेकिन मां की दुआओं में असर बहुत है। कहने का मतलब, वर्चुअल वर्ल्ड में नहीं, जमीन पर पैर जमाए रहिए। शुभ दिवस!

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