चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन : मां सिद्धिदात्री का दर्शन कर भक्तों ने मांगी सिद्धि, जानिए आज के दर्शन-पूजन का महत्व
Varanasi : नवरात्रि के अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है। इस बार नवमी 10 अप्रैल यानि कि रविवार को है। मान्यता है इस दिन जो भक्त विधि-विधान और पूरी निष्ठा के साथ मां की पूजा करते हैं उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। वाराणसी के गोलघर स्थित पराड़कर भवन के पीछे सिद्धमाता गली में देवी सिद्धिदात्री देवी का मंदिर है। मां दुर्गा की नौवी शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है।
श्रद्धालु तड़के सुबह से मां सिद्धिदात्री के दर्शन के लिए पहुंचने लगे। नवमी को मां के दर्शन के लिए भक्त ना केवल वाराणसी, ही नहीं बल्कि दूरदराज के इलाकों से भी पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में हाजिरी लगाकर अपने परिवार और अपने लिए सुख और स्वास्थ्य का वरदान मांगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने भी इन्हीं की कृपा से सिद्धियां प्राप्त की थीं और वे अर्ध्दनारीश्वर के रुप में स्थापित हुए थें। माता सिद्धिरात्री चतुर्भुज और सिंहवाहिनी हैं।
मंदिर के पूजारी बच्चा लाल मिश्र ने बताया कि वासंतिक नवरात्र के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री के दर्शन की जाती है। मां सिद्धि संपूर्णता का प्रतीक हैं, इसलिए सिद्धियां प्राप्त होने पर सभी मनोकामनाएं बिना विघ्न-बाधा के पूरी होती है। जो भक्त आठ दिन देवी के अन्य रूपों का दर्शन-पूजन नहीं कर पाते हैं, वे अंतिम दिन सिद्धिदात्री माता के दर्शन कर ले तो उनको नवरात्रि व्रत के पूर्ण फल की प्राप्ति हो जाती है।
