Health Varanasi उत्तर प्रदेश ऑन द स्पॉट 

न इंतजार न ही लंबी कतार, “आभा” से हो रहा त्वरित उपचार : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का मिल रहा लाभ

Varanasi : पेट में तेज दर्द से परेशान शिवपुर निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग शिवपूजन खुद को दिखाने के लिए पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के ओपीडी में पहुंचे तो वहां भीड़ देख परेशान हो गये। चिंता होने लगी कि इस भीड़ में उनकी पर्ची कब बनेगी और चिकित्सक को दिखाने के लिए उनका नम्बर कब आयेगा। अभी वह इसी उधेड़बुन में ही थे कि उनके साथ आये उनके बेटे राहुल ने उनकी समस्याओं का समाधान कर दिया। राहुल ने अपने मोबाइल फोन में आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट ‘आभा’ पहले से ही बना रखा था जिसके खाते में उनके पिता का भी नाम दर्ज था। मोबाइल फोन से राहुल ने अस्पताल का क्यूआर कोड स्कैन किया और आभा काउंटर पर पहुंचे। चंद मिनट में ही शिवपूजन को दिखाने के लिए ‘आभा’ की पर्ची उनके हाथ में थी, जिसमें उनका पूरा विवरण के साथ ही यह भी दर्ज था कि चिकित्सक को दिखाने के लिए उन्हें किस कक्ष संख्या में जाना है।

पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर. के सिंह बताते हैं कि इस अस्पताल में उपचार की पर्ची बनवाने के लिए अब आप को न तो लम्बी कतार में खड़े होने की जरूरत है और न ही घंटों इंतजार की। इन सभी समस्याओं का समाधान कर दिया है ‘आभा’ ने। यदि आप ने आभा आईडी बना रखा है तो अस्पताल के आभा काउंटर पर लगे क्यूआर कोड को सम्बन्धित मोबाइल से स्कैन करते ही मरीज को दिखाने की पर्ची बिना लाइन में लगे ही मिल जायेगी। उन्होंने बताया कि ओपीडी में दिखाने की पर्ची बनवाने के लिए पूर्व की व्यवस्था के साथ-साथ ‘आभा’ की पर्ची भी बनायी जा रही है। पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रेम प्रकाश बताते हैं कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना के तहत आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट “आभा” से उनके अस्पताल में ओपीडी की पर्ची बनवाने की व्यवस्था बीते दिसम्बर माह से शुरू की गयी है। शुरू में आभा से ओपीडी की पर्ची बनवाने वालों की संख्या काफी कम थी लेकिन समय गुजरने के साथ-साथ यह तेजी से बढ़ रही है। अस्पताल की हर रोज होने वाली ओपीडी में डेढ़ सौ से अधिक लोग अब ‘आभा’ से अपनी पर्ची बनवा रहे हैं। अब तक चार हजार से अधिक लोग आभा के जरिये इस अस्पताल में पर्ची बनवाकर उपचार करा चुके है। उन्होंने बताया कि आभा के जरिये पंजीकरण कराने वालों को अस्पताल में गुलाबी पर्ची दी जा रही है। इस गुलाब पर्ची को लेकर मरीज आसानी से ओपीडी में डॉक्टर को दिखा सकता है। उन्हें लाइन में लगने की जरूरत नहीं हैं।

इस तरह बनती है “आभा”आईडी

डॉ. प्रेम प्रकाश बताते हैं कि आप का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट “आभा” अभी तक नहीं बना है और आप इसे बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन के गूगल प्ले स्टोर में जाकर “ड्रीफकेस” एप डाउनलोड करना होगा। इस एप से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगी। इसे दर्ज करने के बाद मरीज को आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद आधार कार्ड में दर्ज मरीज का नाम, उम्र, लिंग, पिता का नाम, पता खुद दर्ज हो जाएगा। इसके बाद आपको आभा एड्रेस चुनना होगा। इसको चुनते ही आभा खाता एक्टिव हो जाएगा। इस खाते में आप अपने परिवार के अन्य सदस्यों का भी विवरण जोड़ सकते हैं। ओपीडी की पर्ची प्राप्त करने के लिए आप को आभा काउंटर पर लगाए गए क्यूआर कोड को अपने फोन के एप के माध्यम से स्कैन करना होगा। इससे मरीज का विवरण अपने आप आभा काउंटर के कम्पूटर में आ जाएगा। इसके बाद एक टोकन नंबर मिलेगा। मरीज को काउंटर पर टोकन नंबर बताकर एक रुपए देकर पर्ची लेनी होगी। यहां से गुलाबी पर्ची मिलेगी जिसके जरिये आप आसानी से अपना उपचार करा सकेंगे।

You cannot copy content of this page