अब सोमवार को मनेगा PMSSA दिवस : महीने में दो बार होगा आयोजन, 24 तारीख को भी मिलेगी प्रसव पूर्व जांच की सुविधा
Varanasi : महीने में अब दो बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन हर माह की नौ और 24 तारीख को होगा, किन्तु इस बार 24 अप्रैल को रविवार का अवकाश होने के कारण 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक के रूप में मनाया जायेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने दी।
सीएमओ ने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए नौ तारीख को जनपद की करीब 38 स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन पहले से ही हो रहा है। इससे वंचित गर्भवती के प्रसव पूर्व जांच के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को महीने में दो दिवस पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। अब हर माह की 24 तारीख को जनपद के सभी प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन अप्रैल माह से शुरू किया जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. एके मौर्य ने बताया कि केंद्र पर नियमित जांच और उच्च जोखिम युक्त गर्भवस्था से चिन्हित लाभार्थी को प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कर मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। गर्भवती की नियमित निशुल्क जांच और प्रसव पश्चात उचित देखभाल की सुविधा देने के लिए आयोजन का विस्तार किया जा रहा है। जिले में हर माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित किए जाने वाले पीएमएसएमए दिवस के साथ अब हर माह की 24 तारीख को एफआरयू पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक को विस्तारित किया गया है।

इन एफआरयू में मनेगा पीएमएसएमए दिवस
डॉ. मौर्य ने बताया कि इस बार 24 अप्रैल को रविवार के चलते 25 अप्रैल को जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, डीडीयू चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर, सीएचसी चोलापुर, सीएचसी आराजीलाइन और सीएचसी गंगापुर पर आयोजन किया जाएगा।
यह सेवाएं मिलेंगी निशुल्क
इस दिवस पर स्वास्थ्य इकाइयों पर समस्त गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर और अन्य जांच की निशुल्क सुविधा मौजूद है। इसके साथ ही टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका, आयरन, कैल्शियम और आवश्यक दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। एचआरपी युक्त महिलाओं की पहचान, प्रबंधन और सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के लिए परामर्श भी दिया जाएगा।