हमारी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती
सियासत आजकल
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 71 से बढ़कर 89 होने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी शहरों में कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया है। भारत में महाराष्ट्र वो प्रदेश है जहां पर कोरोना वायरस का प्रभाव सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र के एक झुग्गी बस्ती वाले इलाके में एक महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। इससे सघन आबादी वाले इलाके में संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र को आगामी 31 मार्च तक लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया था।
आवाजाही पर प्रतिबंध
फैसले के तहत गैरजरूरी वजहों के लिए आवाजाही पर प्रतिबंध था। लेकिन इस फैसले के कुछ घंटों बाद ही ठाकरे ने महाराष्ट्र में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। उन्होंने कहा है, कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। अगर हम अभी इसे नहीं रोक सके तो ये स्थिति हाथ से बाहर जा सकती है। लोगों को कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग को गंभीर रूप से लेना चाहिए। और सरकार ने बदलती स्थितियों को देखते हुए महाराष्ट्र के जिलों की सीमाओं को भी सील करने का फैसला किया है।
जब तक जरूरी न हो
बीते रविवार को लगाए गए जनता कर्फ्यू पर बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जनता कर्फ्यू एक दिन मनाकर हमारी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में लॉकडाउन के बाद भी हमने लोगों को सड़कों और हाइवे पर यात्रा करते हुए देखा है। जनता कर्फ्यू का एक दिन पालन करने से हमारी जिम्मेदारियां खत्म नहीं हो जाती हैं। बल्कि ये उस युद्ध के लिए रणभेरी जैसा है जो कि हम लड़ने जा रहा है। हमने अब राज्य में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। अब कोई भी घर से तब तक कदम बाहर नहीं निकालेगा जब तक कि ऐसा करना बेहद जरूरी न हो। सड़कों पर चार-पांच से ज्यादा लोगों के एक साथ चलने की अनुमति नहीं है।