जनता रही झेल, टिकट में वेटिंग और सेटिंग के खेल : आरक्षण केंद्र के बाहर खड़े दलालों से मिल रहे कंफर्म टिकट
Varanasi : त्योहार का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे हर कोई त्योहार में खुशियों का पल अपने परिवार के साथ बिताना चाहता है। घर से दूर रहने वाले लोग त्योहार के बहाने ही अपनों के बीच पहुंचते हैं। ऐसे में लोग अपने घर आने-जाने के लिए टिकट करा रहे हैं। लोग एडवांस टिकट बुक करानी शुरू कर दी है, लेकिन कंफर्म टिकट बुक होने में परेशानी हो रही। लोगों का कहना है कि आरक्षण केंद्र पर दलाल सक्रिय हैं। मजबूरी में किराए से कई गुना अधिक रुपये भी दे रहे हैं।
हालांकि आरपीएफ की ओर से इनके खिलाफ चलाए गए कैंपेन में कई हत्थे भी चढ़ चुके हैं। ऐसे तमाम यात्री हैं जिन्हें तत्काल टिकट रिजर्वेशन काउंटर से नहीं मिल पा रहा है। वहीं बाहर खड़े दलाल, कंप्यूटर सेंटर से आसानी से टिकट मिल जाते हैं। यही नहीं आईआरसीटीसी के एजेंटों द्वारा भी पर्सनल आईडी के द्वारा तत्काल टिकट निकालकर उसे ब्लैक में बेचने का सिलसिला जारी है।
सॉफ्टवेयर कंपनी भी निशाने पर
आरपीएफ ऑफिसर्स के मुताबिक हैकर्स के इस खेल में विभाग की निगाह उस सॉफ्टवेयर कंपनी पर भी है जिसने आईआरसीटीसी की वेबसाइट तथा टिकट बुकिंग का फेक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। अफसरों का मनाना है बिना सॉफ्टवेयर कंपनी के डेवलपर्स की मदद के लिए ऐसे हैकिंग सॉफ्टवेयर डेवलप करना संभव नहीं कि साइट भी हैक हो जाए और किसी को पता भी न चले। इस मामले में अभी और भी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं क्योंकि ये खेल काफी बड़ा है।
ऑनलाइन मौजूद हैं अवैध सॉफ्टवेयर
ऑनलाइन तमाम ऐसी वेबसाइट्स हैं जो रेल टिकट बुकिंग के लिए फेंक सॉफ्टवेयर की सॢवस देने का दावा करती हैं। इसमें कुछ तो टिकट बुकिंग की संख्या पर यूजर से चार्ज लेती हैं। जैसे दो टिकट की बुकिंग के लिए चार्ज 2500 और चार टिकट के लिए 2800, छह टिकट के लिए 3000 तथा 12 के लिए 4400, ब्लैक टीएस नामक एक वेबसाइट टिकट बुकिंग में हेल्प करने वाले सॉफ्टवेयर्स की मुश्किलों को दूर करने का दावा करती है। ये वेबसाइट टिकट बुकिंग के पेमेंट में वन टाइम पासवर्ड (ओटीएस) की बाध्यता खत्म करने का दावा करती है। वहीं तत्काल डॉट कॉम नामक वेबसाइट ऐसे सॉफ्टवेयर्स प्रोवाइड करने का दावा करती है जिसके थ्रू आप तत्काल टिकट भी बुक कर सकते हैं।