वणक्कम काशी और हर हर महादेव से स्वागत : दक्षिण के पारंपरिक पहनावे में काशी-तमिल समागमम् में पहुंचे PM Modi, बोले- काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय-शक्तिमय
Varanasi : BHU के एंफीथिएटर मैदान में एक माह तक चलने वाले काशी तमिल संगमम् समारोह का उद्घाटन करने पीएम मोदी शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। पीएम मोदी दोपहर करीब डेढ़ बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पर साउथ इंडियन लुक में विमान से उतरे। पीएम मोदी शर्ट-लुंगी पहने और गमछा लिए हुए थे। उनका स्वागत वणक्कम काशी और हर हर महादेव के जयघोष से हुआ। इसके बाद वह बीएचयू स्थित हेलीपैड पहुंचे। वह यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में एक महीने तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम् का उद्घाटन किया। काशी और तमिलनाडु के रिश्ते, श्रद्धा और संस्कृति पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई। मोदी तमिलनाडु के मठ-मंदिरों के 9 आधीनम् (शैव महंत) को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लिया। पीएम मोदी ने तमिल में लिखी गई धार्मिक पुस्तक तिरुक्कुरल समेत काशी-तमिल संस्कृति पर आधारित किताबों का विमोचन किया। प्रधानमंत्री यहां तमिलनाडु से आए छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की।
अंगवस्त्र से पीएम का स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी इंटरनेशल एयरपोर्ट से सेना के हेलिकॉप्टर से बीएचयू पहुंचे। उनका स्वागत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। लल्लापुरा के मुमताज अली और सादाब आलम द्वारा जरदोजी पर तैयार किए गए अंगवस्त्र से प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान पीएम को सीएम योगी ने गुलाबी मीनाकारी से तैयार मोमेंटो भेंट की। यह मोमेंटो राज्य पुरस्कार प्राप्त अमरनाथ वर्मा और विशाल वर्मा ने तैयार किया है।
बोले प्रधानमंत्री मोदी
पीएम मोदी ने हर हर महादेव, वणक्कम काशी और वणक्कम तमिलनाडु बोलकर अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने यूपी सरकार, तमिलनाडु सरकार, बीएचयू, आईआईटी मद्रास और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को इस भव्य आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में संगमों का बड़ा महत्व रहा है। नदियों और धाराओं के संगम से लेकर विचारों-विचारधाराओं, ज्ञान-विज्ञान और समाजों-संस्कृतियों के संगम का हमने जश्न मनाया है। इसलिए काशी तमिल संगमम् अपने आप में विशेष है, अद्वितीय है। एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है, तो दूसरी और, भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा यमुना के संगम जितना ही पवित्र है। काशी और तमिलनाडु दोनों शिवमय हैं, दोनों शक्तिमय हैं। एक स्वयं में काशी है, तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है। काशी-कांची के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है। पीएम मोदी ने कहा कि काशी और तमिलनाडु का प्राचीन काल से संबंध हैं। इसका प्रमाण काशी की गलियों में मिलेगा। यहां आपको तमिल संस्कृति के मंदिर मिलेंगे। हरिश्चंद्र घाट और केदार घाट पर 200 से ज्यादा वर्ष पुराना मंदिर है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें आजादी के बाद हजारों वर्षों की परंपरा और इस विरासत को मजबूत करना था, इस देश का एकता सूत्र बनाना था, लेकिन दुर्भाग्य से इसके लिए बहुत प्रयास नहीं किए गए। काशी तमिल संगमम इस संकल्प के लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए ऊर्जा देगा।
16 दिसंबर तक आयोजित होने वाले काशी-तमिल संगमम् के लिए बीएचयू के एंफीथिएटर ग्राउंड में 75 स्टॉल लगाए गए हैं। यह स्टॉल कृषि, संस्कृति, साहित्य, संगीत, खानपान, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट, लोक कला के माध्यम से दक्षिण और उत्तर भारत के बीच सेतु का काम करेंगे। इन उत्पादों में तमिलनाडु के जीआई और ओडीओपी उत्पाद भी शामिल हैं।









