प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : Varanasi की 80 हजार महिलाओं को मिला लाभ, 75 फीसदी लाभार्थियों को मिल चुकी है अंतिम किश्त, हेल्पलाइन नंबर के जरिए ली जा सकती है मदद
Varanasi : ब्लॉक बड़ागांव निवासी मधुबाला (23) बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर गर्भावस्था के दौरान उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत दो किश्तों में 3000 रुपए प्राप्त हुए जिससे उन्हें पोषण में बहुत मदद मिली। प्रसव के बाद अंतिम किश्त के रूप में 2000 रुपये मिले। उनका कहना है कि सरकार की यह योजना बहुत ही अच्छी है, जिससे हम अपने खान-पान का अच्छी तरह से ख्याल रख सकते हैं। प्रसव के समय आशा कार्यकर्ता माधुरी वर्मा ने काफी सहायता की।
वहीं शहर की मीरापुर बसही निवासी रंजना शर्मा(27) बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर उन्हें तीन किश्तों में 5000 रुपए मिले जिससे समुचित पोषण में लाभ मिला। इस योजना से वह बेहद संतुष्ट और प्रसन्न हैं। गर्भावस्था व प्रसव के दौरान मदद के लिए उन्होंने आशा कार्यकर्ता नीलम देवी को भी धन्यवाद दिया। यही कहना है 75 फीसदी लाभार्थियों का, जिनको योजना के तहत सभी तीनों किश्तें मिल चुकी हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद सहित प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनाकी शुरुआत जनवरी 2017मेंहुई थी। पीएमएमवीवाई, एक ऐसी योजना है जिसमें पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को पोषण सहायता के रूप में तीन किश्तों में 5000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके पंजीकृत खाते में दिए जाते हैं। इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में क्रमशः 1400 रुपये व 1000 रुपये भी दिये जाते हैं।
इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण मिल सके जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। सीएमओ ने बताया कि जनपद में साल 2017 से अबतक 80,036 महिलाओं का योजना के तहतपंजीकरण हो चुका है। लक्ष्य के मुताबिक, अबतक 91 फीसदी लाभार्थियों को पहली और दूसरी किश्त मिल चुकी है। 75 फीसदी महिलाओं को अंतिम किश्त मिल चुकी है। शेष लाभार्थियों की आवश्यक प्रक्रिया पूरी होते ही सभी किश्तें सीधे उनके खाते में पहुंचा दी जाएगी।

एसीएमओ और योजना के नोडल अधिकारी डॉ. एके मौर्य ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं। पहली किश्त 1000 रुपए की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है। दूसरी किश्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराने पर प्रदान की जाती है। दूसरी किश्त में लाभार्थी को 2000 रुपए मिलते हैं। तीसरी किश्त प्रसव के 42 दिन के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है। इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपए दिए जाते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और पोर्टल से जुड़ी हुयी है। पोर्टल पर लाभार्थी का पंजीकरण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर उसे योजना का लाभ मिल सकेगा।
उपलब्धियां
आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में लक्ष्य के मुताबिक़ सबसे अधिक 7840 (115%)महिलाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। अराजीलाइन में 10,290 (112%), बड़ागांव में 7132 (111%), चिरईगांव में 8532 (112%), चोलापुर में 6602 (95%), हरहुआ में 8454 (107%), काशी विद्यापीठ में 8063 (107%), पिंडरा में 8474 (106%), शहरी क्षेत्र में 14,649 (31.6%) महिलाओं को योजना का लाभ पहुंचाया गया है। योजना के तहत जिले में अब तक करीब 33.04करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं। इस वर्ष अब तक 2.68 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं।
ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, गर्भवती, उसके पति का आधार कार्ड, लाभार्थी के खाते की पासबुक की फोटो कॉपी तऔर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र फार्म भरते समय जमा करना होता है।
पीएमएमवीवाई का हेल्प लाइन नंबर
हेल्पलाइन नंबर 7998799804 भी जारी किया गया है। कोई भी लाभार्थी उक्त हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो वह अपने नजदीकी ब्लाक के सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा अधीक्षक व बीसीपीएम तथा बीपीएम से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
फोन पर कोई भी लाभार्थी न बताये खाता संख्या या ओटीपी
फोन पर यदि कोई व्यक्ति किसी तरह का खाता का विवरण या ओटीपी मांगे तो कोई भी लाभार्थी कदापि न दें, क्योंकि पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े कोई भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है।