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प्रो. वशिष्ठ बने BHU हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष : छात्रों में उत्साह, देश के सुप्रसिद्ध गजलकार और प्र‌तिष्ठित लेखक भी हैं प्रो. द्विवेदी

Varanasi News : देश के सुप्रसिद्ध गजलकार और प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रो. वशिष्ठ द्विवेदी अनूप को बीएचयू हिंदी विभाग का विभागाध्यक्ष बनाया गया है। बीएचयू के सहायक कुलसचिव अशोक कुमार शर्मा ने इस संदर्भ का पत्र मंगलवार को जारी किया।

प्रो. द्विवेदी 01 जुलाई 2023 से तीन वर्षों के लिए विभागाध्यक्ष रहेंगें। प्रो. अनूप के विभागाध्यक्ष बनने की सूचना के बाद छात्रों में गजब का उत्साह दिखा। बधाईयों का तांता लग गया। छात्रों ने कहा कि अब हिंदी विभाग में सृजनता, नीवनता और बेहतर शोध को बल मिलेगा।

प्रो. वशिष्ठ अनूप का जन्म गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाने के सहड़ौली गांव में 01 जनवरी 1762 को पिता स्व. लीलाधर द्विवेदी और मां स्व. परम ज्योति के आंगन में हुआ था। आचार्य वशिष्ठ अनूप की अब तक कविता, गीत, गजल, समालोचना और संपादन सहित 53 पुस्तकें प्रकाशित हो चुुकी हैं।

बंजारे नयन, रोशनी की कोपलें, घरों पर गिद्ध मंडराने लगे हैं, बारूद के बिस्तर पर, गर्म रोटी के ऊपर नमक तेल आदि गजलों का संग्रह कालजयी है। प्रो. अनूप को अब तक महाकवि विद्यापति गीत सम्मान, पेशवा माधवराव स्मृति राष्ट्रीय सम्मान, विश्व शोध संवर्धन अंतराष्ट्रीय सम्मान, पं. विद्यानिवास मिश्र स्मृति लोक कवि सम्मान, भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन मॉ‌रीशस सम्मान, नागरी रत्न सम्मान, नागरी प्रचारणी सभा सम्मान, अमृत कलश सम्मान, संगम शिखर सम्मान मिल चुके हैं। प्रो. अनूप ने कई फिल्मों और धारावाहिकों के लिए गीत भी लिखे हैं। ‌

बीएचयू हिंदी विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. वशिष्ठ अनूप को हिंदी विभाग का विभागाध्यक्ष बनाए जाने पर मंगलवार की शाम उनके आवास और फोन पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। साहित्यकारों का कहना था कि जिस हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष की कुर्सी को कभी आचार्य रामचंद्र शुक्ल, डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ. श्यामसुंदर दास ने सुशोभित किया था।

लंबे अंतराल के बाद फिर से उस कुर्सी पर एक सुयोग्य और विद्वान विभागाध्यक्ष का आगमन हुआ है। छात्रों का कहना है कि अब विभाग में सृजनता और शोध का विकास होगा। प्रो. वशिष्ठ अनूप ने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करूंगा। विभाग में पठन-पाठन का उत्कृष्ट माहौल रहे, यही प्रयास रहेगा।

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