BHU के हिंदी विभाग में शोध छात्रों का धरना : PhD प्रवेश प्रक्रिया में धांधली का आरोप
Varanasi : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के शोध छात्रों ने विभाग के द्वार को बंद कर धरना शुरू कर दिया। छात्रों का कहना है कि PhD एडमिशन में हुई धांधली के बावजूद कोर्स वर्क नहीं बंद किया गया है। इसी की वजह से यह विरोध किया जा रहा है। शोध छात्रों द्वारा हिंदी विभाग की PhD प्रवेश प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। छात्रों ने कहा कि 25 अगस्त को फैक्ट फाइंडिग कमेटी का गठन हुआ। वाइस चांसलर ने भी माना कि कहीं न कहीं इसमें गड़बड़ी हुई है। इसके बाद से प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया गया। भूगोल, समाजशास्त्र और प्राचीन इतिहास में PhD कोर्स वर्क बंद कर दिया गया। मगर, हिंदी विभाग में कोर्स वर्क क्लास नहीं रोकी गई।

विरोध करने वाले सभी हिंदी विभाग के पूर्व पीजी छात्र हैं। ये लोग बीते जुलाई, 2022 से पीएचडी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाकर धरनारत हैं। अगस्त तक चले धरने के बाद इनकी मांगों पर विचार किया गया और आरोपों की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बना दी गई। इसकी रिपोर्ट पर बातचीत चल रही है। छात्रों ने कहा कि सितंबर 2021, मार्च 2022 और जुलाई 2022 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। इसमें AIC विभाग, सोशियोलॉजी, भूगोल और हिंदी विभाग शामिल है। छात्रों ने हिंदी विभाग के ही कई प्रोफेसरों पर धांधली के आरोप लगाए।