Varanasi में RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत : बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, प्रांत प्रमुखों और के साथ बैठक, बोले सरसंघचालक- दो क्षेत्रों में विशेष काम करने की आवश्यकता
Varanasi : RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन सार्वदेशिक और सर्वसमावेशी था। बावजूद इसके, बहुत से क्षेत्र, वर्ग आदि के त्याग और बलिदान के तथ्य सामने नहीं आए। दबे रह गए। बौद्धिक वर्ग की जिम्मेदारी है कि वह दबे हुए तथ्यों को समाज और देश के सामने लाए।
कहा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने संगठित और संपन्न भारत का स्वप्न देखा था। उसे साकार रूप देने का कार्य वर्तमान पीढ़ी को करना चाहिए। इस दृष्टि से हमने विभिन्न कार्यक्रम किए हैं।
डॉ. भागवत विश्व संवाद केंद्र में काशी प्रवास के दौरान शनिवार को बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, प्रांत प्रमुखों और उनके सहयोगियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दो क्षेत्रों में विशेष काम करने की आवश्यकता है।
पहला शिक्षा क्षेत्र- कोरोना के कारण विद्यालय बंद रहने के कारण बच्चों और छात्रों का विकास प्रभावित हुआ है, इसे लेकर संघ के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं लेकिन और कार्य करने की जरूरत है। ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई तो हुई लेकिन काफी कुछ छूट गया। इसकी भरपाई आवश्यक है। इसके लिए योजना बनाकर कार्य करें।

कोरोना के कारण दूसरी समस्या रोजगार को लेकर हुई है। स्वावलंबन को लेकर भी स्वयंसेवक पहले से ही कार्य कर रहे हैं लेकिन लोगों के रोजगार प्रभावित हुए हैं। उस पर कार्य करने की जरूरत है।
प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, मानव शक्ति की विपुलता और लोगों में उद्यम कौशल के चलते भारत में अपने कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों को परिवर्तित करते हुए कार्य के पर्याप्त अवसर उत्पन्न कर आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता है। इस क्षमता का सदुपयोग करने के लिए एक तरफ सरकार की योजना होनी चाहिए साथ ही समाज की कर्मण्यता भी बढ़नी चाहिए।
संघ प्रमुख ने जागरण श्रेणी में प्रांत संपर्क, प्रांत सेवा प्रमुख, प्रांत प्रचार प्रमुख और सहयोगियों आदि से कहा कि हमारा लक्ष्य देश को परम वैभव तक पहुंचाना है। शाखा व्यक्ति निर्माण की कार्यशाला है जो संपूर्ण व्यक्तिव का निर्माण करती है। व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण होता है।
डॉ. हेडगेवार ने जो बीज बोया था उसने वृक्ष का रूप ले लिया है। स्वयंसेवक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। स्वयंसेवकों की पहल से और लोगों के सहयोग से समाज परिवर्तन के कार्य को परिणामकारी ढंग से आगे बढ़ाया गया है। हमारा उद्देश्य सिर्फ रेस में आगे रहना नहीं है, हम सभी लोग मिलकर तालमेल बैठाते हुए कार्य करें। समाज परिवर्तन के कार्य को समाज का आंदोलन बनाएं।