Sankat Mochan Sangeet Samaroh : बनारस घराने के सुरों से पूरी हुई तीसरी निशा, वीणा और तबले की संगत पर जमकर झूमे भक्त
Varanasi : संकट मोचन दरबार में तीन दिन से शास्त्रीय रागों की धारा बह रही है। बुधवार की रात 9 प्रस्तुतियां हुईं। संगीत समारोह की तीसरी निशा में कलाकारों ने अपने गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया। पद्मभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट की वीणा की झंकार से हनुमत दरबार को झंकृत हो उठा। वहीं कलाकारों ने ओडीसी, राग भैरवी समेत शास्त्रीय संगीत परंपरा की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर विश्व शांति व लोक कल्याण की गुहार लगाई।

समारोह की तीसरी निशा पर पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट की मोहनवीणा और राशिद खान के शास्त्रीय रागों ने मंदिर परिसर को भक्ति भाव से भर दिया। पूरी रात भक्तगण इस सुरमयी समारोह का रसास्वादन करते रहे।

संकट मोचन संगीत समारोह की तीसरी संध्या में पवनसुत हनुमान जी की मां अंजना पर आधारित प्रसंग प्रस्तुत किया गया। कोलकाता से आईं नृत्यांगना संचिता भट्टाचार्य और उनकी साथी कलाकारों ने ओडिसी नृत्य कर अंजना को मंच पर उतार दिया। मारुतिनंदन का जन्म से लेकर रामभक्त बनने का तक सफर इस ओडिसी नृत्य में दिखाया गया। संचिता भट्टाचार्य ने इसे ओडिसी की भाव-भंगिमाओं में व्यक्त कर दिया। 15 मिनट कर प्रस्तुति ने मंदिर परिसर में बैठे भक्तों को निहाल कर गई। उन्होंने भगवान श्रीराम की स्तुति, अहिल्या प्रसंग की अभिव्यक्ति करते शिव आराधना की। नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय पर शास्त्रीय नृत्य किया। इस प्रस्तुति में अमृता अधिकारी स्मृति, मजुमदार, सृजनी विश्वास शामिल रहीं।
