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Sawan Shivratri 2023 : इस दिन है सावन मासिक शिवरात्रि, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

जिस प्रकार सावन माह में सोमवार व्रत का महत्व है उसी प्रकार सावन शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सावन माह में उस दिन सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता है कि सावन माह में शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि के साथ भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद भी मिलता है। लेकिन इस साल सावन शिवरात्रि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है।

श्रावण मास का हर दिन शिव पूजा के लिए समर्पित है, लेकिन श्रावण शिवरात्रि का सभी को इंतजार रहता है। श्रावण शिवरात्रि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष अधिक मास होने के कारण सावन की दो शिवरात्रि मनाई जाएंगी। सावन शिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखकर भगवान भोलनाथ की पूजा करते हैं। शिवरात्रि की पूजा दिन के किसी भी समय की जाती है, लेकिन शुभ मुहूर्त की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस बार सावन शिवरात्रि के दिन ही भद्रा शुरू हो गई। ऐसे में आइए ज्योतिषी विमल जैन से जानते हैं कि सावन शिवरात्रि कब है, साथ ही जानिए शिव पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

सावन की मासिक शिवरात्रि 2023 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रवण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई 2023 दिन शनिवार को रात 08 बजकर 32 मिनट से मासिक शिवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यह तिथि 16 जुलाई रविवार को रात्रि 10 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।

सावन की मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त

15 जुलाई को सावन की मासिक शिवरात्रि के लिए पूजा का शुभ समय रात 12:07 बजे से देर रात 12:48 बजे तक है। सावन की मासिक शिवरात्रि पर रात्रि पूजा के लिए 41 मिनट का शुभ समय है जो लोग दिन में पूजा करना चाहते हैं वे सूर्योदय के साथ किसी भी समय में पूजा कर सकते हैं।

सावन की मासिक शिवरात्रि 2023 शुभ योग

इस बार सावन शिवरात्रि पर दो शुभ योग वृद्धि और ध्रुव योग बने हैं। वृद्धि योग सुबह से 08 बजकर 22 मिनट तक है. इस अवधि में पूजा करने से पुण्य फल में वृद्धि होती है। इस अवधि के बाद ध्रुव योग प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरी रात चलेगा। सावन की मासिक शिवरात्रि के दिन मृगशिरा नक्षत्र है, जो सूर्योदय सुबह से लेकर रात 12:23 बजे तक रहेगा।

मासिक शिवरात्रि का क्या है महत्व?

मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। ऐसे में सावन महीने की मासिक शिवरात्रि 15 जुलाई को है। सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इसलिए सावन माह में शिवरात्रि का व्रत करने से भक्त को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि शिवरात्रि की तिथि पर ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। सरल शब्दों में कहें तो शिवरात्रि के दिन महादेव और माता पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को सुख, सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित लोगों की शादी जल्दी हो जाती है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो सावन माह की शिवरात्रि पर महादेव के साथ माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता है और मासिक शिवरात्रि का व्रत रखता है उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति भी बनी रहती है।

सावन शिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल को साफ करें। इसके बाद पूजा का संकल्प लें। ध्यान रखें कि पूजा हमेशा प्रदोष काल में ही करनी चाहिए। पूजा में भगवान शिव का जलाभिषेक करें और बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं। इसके साथ ही इस दिन केवल फल ही खाएं, अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। अगले दिन भगवान शिव की पूजा करती है और दान आदि करती है।

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