Shramik Special Train : मुम्बई से घर लौट है रहे दो यात्रियों की ट्रेन में मौत
रेलवे व्यवस्था पर उठने लगे सवाल, यात्रियों में आक्रोश
Varanasi : सड़क हादसों में, रेल पटरियों पर और अब लोग ट्रेनों में दम तोड़ने लगे हैं। प्रवासियों को उनके जिलों तक छोड़ने के लिए रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का कोई माई-बाप नहीं है। कहीं कहीं तो ट्रेनें भी रास्ता भटक जा रही हैं। बुधवार को मुम्बई के लोकमान टर्मिनल से मडुवाडीर रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर आठ पर आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में दो लोगों की लाश मिलने से हडकंप मच गया। जानकरी पाकर आरपीएफ, जीआरपी व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पीपीई किट पहनकर कर्मियों ने दोनों शव को बाहर निकाला। दोनों मृतक की शिनाख्त हो गई। पहले मृतक की शिनाख्त दशरथ प्रजापति (30) दिव्यांग के रूप में हुई है।
मृतक के परिजन ने बताया कि हमे जौनपुर के लालपुरा बदलापुर जाना था। प्रयागराज से ट्रेन चली तो भाई की तबियत खराब होने लगी। मंडुआडीह स्टेशन पर पहुंचने पर उन्हें जगाया तो वह जगे ही नहीं। चेक किया गया तो उनकी मौत हो चुकी थी। इसी ट्रेन में पीछे की बोगी में एक और व्यक्ति का शव मिला जिसके मुंह से झाग निकल रहा था और नाक से खून निकला था। मृत व्यक्ति के शरीर पर क्रीम कलर का हाफ पैंट, चेकदार शर्ट व बगल में मोबाइल रखी हुई थी। एस एल आर कोच में मिला दूसरा मृतक 63 वर्षीय राम रतन गौड़ निवासी ग्राम-शरहदपार पोस्ट-हाजीपुर थाना- रौनापार जिला आजमगढ़ का निवासी था। और कई बीमारियों से जूझ रहा था। जीआरपी चौकी प्रभारी मांडुवाडी बी एस यादव के अनुसार मृतकों के परिजनों को बुलाया गया और पोस्टमार्टम के बाद शव उनको सुपुर्द कर दिया जाएगा। स्टेशन अधीक्षक मांडुवाडीह के अनुसार उक्त श्रमिक स्पेशल के रैक को सफाई एवं डीप सेनेटाइजेशन का कार्य डिपो में पूर्ण होने के बाद वापस भेजा जाएगा।
मौके पर जीआरपी व आरपीएफ की टीम अग्रिम कार्रवाई में जुटी गई। वही यात्रियों ने रेलवे व्यवस्था को पूर्ण रूप से फेल बताया और कहा कि यात्रियों के भोजन-पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं कि गई है। जिससे यात्रियों की तबियत बिगड़ने की सूचनाएं निरन्तर आ रही है।