श्रीमद भागवत कथा : अत्याचार बढ़ने पर परमात्मा का अवतार होता है- आचार्य पं. रोहित कृष्ण शास्त्री
Varanasi : चौबेपुर में कराए जा रहे श्रीमद भागवत कथा में आचार्य पं. रोहित कृष्ण शास्त्री ने कहा कि पृथ्वी पर अत्याचार-दुराचार जब बढ़ता है, अधर्म का बोलबाला होने लगता है। धर्म, गौ माता, ब्राह्मण पर जब-जब अत्याचार बढ़ता है उसी वक्त परमात्मा अवतार लेकर गौ ब्राह्मण धर्म की रक्षा भगवान करते हैं।
इसलिए हमें अपने जीवन में कभी भी अहंकार और घमंड नहीं करना चाहिए। क्योंकि अहंकार और घमंड ही परमात्मा का भोजन है।
हमें श्रीमद्भागवत महापुराण से यह सीख लेना चाहिए कि तीनों लोकों के विजेता रावण का अहंकार भी भगवान नहीं सहन किए और अवतार लेकर अधर्मी रावण का अहंकार चूर चूर कर दिए। हिरण्यकश्यप को भी बहुत अहंकार था।
पूरे पृथ्वी पर हमें मारने वाला कोई नहीं है इसी अहंकार के बस वह अपने पुत्र भगवान के भक्त प्रहलाद पर इतना अत्याचार किया कि प्रभु से देखा नहीं गया और हमारे प्रभु खंभे को चीर कर के प्रगट हुए और दुष्ट पापी दुराचारी हिरण्यकश्यप का उद्धार किए।
कंस जैसे दुष्ट पापी ने जोकि अपने माता पिता और अपने सगी बहन पर इतना अत्याचार किया इतना अत्याचार किया की भगवान से देखा नहीं गया, और हमारे बासुदेव पुत्र परम आराध्य श्री कृष्ण के स्वरूप में अवतार लेकर के दुष्ट कंस का उद्धार किया।
इसीलिए कहा गया है धर्म की रक्षा करिए धर्म आपकी रक्षा करेगा। गौ माता की सेवा करने वाला व्यक्ति कभी दारिद्र्य नहीं होता वह सुख भोग कर बैकुंठ को जाता है। जो व्यक्ति ब्राह्मण की सेवा करता है उसके ऊपर ईश्वर की अपार कृपा होती है। वासुदेव जी ने धर्म की रक्षा की धर्म का साथ कभी नहीं छोड़ा इसीलिए स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने पुत्र रूप में जन्म लेकर उनके कुल का गौरव बढ़ाया। भागवत कथा से मनुष्य पाप कर्मों से मुक्ति पा जाता है भागवत को मुक्ति का मार्ग भी कहा जाता है।
भागवत कहता है कि भगवान राम बनिए सदैव दूसरों के परोपकार के लिए अपने जीवन को सर्वस्य लगा दीजिए, क्योंकि 14 वर्ष के वनवास में भगवान राम ने जीव जंतु से लेकर ऋषि-मुनियों तक के ऊपर हो रहे अत्याचार का अंत किया और धर्म की रक्षा किया। कथा में अपूर्व तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया।
शास्त्री अनुराग पाठक, अंकित दुबे, गुलशन दुबे ने भजन प्रस्तुत किया। प्रमोद सिंह, हृदय नारायण सिंह, लिया चौबे, प्रिया तिवारी, देवेंद्र उपाध्याय, पंकज उपाध्याय, निलम तिवारी आदि भक्तों ने कथा श्रवण की किया।