नशा नाश की निशानी : देश में बढ़ती नशाखोरी अपराध नहीं बल्कि पाप है
नशा मिटाओ-समाज बचाओ अभियान के तहत बलिया से रामनग तक हुए नशा उन्मूलन पदयात्रा को आज हुए 12 वर्ष
Sanjay Pandey
Varanasi : 31 मई 2008 का विश्व तंबाकू विरोध दिवस अर्थात यह बात 12 वर्ष पुरानी उस समय की है जब पद्मविभूषित प्रख्यात समाज सेविका डॉ. निर्मला देशपांडेय के देहावसानोपरान्त उनके सपनों को साकार करने के उद्देश्य से एक युवा समाजसेवी ने भृगुनगरी बलिया से रामनगर तक नशा उन्मूलन पदयात्रा कर पूर्वांचल को यह सन्देश दिया कि नशा नाश की निशानी और अपराध की जननी है। इसका समूल विनाश किये बिना सामाजिक सद्भावना नहीं लाई जा सकती है। उस समय उस शख्स ने नशे के खिलाफ पदयात्रा करके अपने साहसिक हौसलों से सम्पूर्ण समाज में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी। बात रामनगर के प्रमुख समाजसेवी कृपा शंकर यादव की हो रही है। बचपन में जिनके लड़खड़ाते सामाजिक विचारो और चिन्तनों को पद्मविभूषित प्रख्यात समाजसेविका डॉ. निर्मला देशपांडेय ने अपने विचारों से उत्साह व आवेग के पंख जोड़ दिए जिसकी वजह से बचपन से ही सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर अपनी हिस्सेदारी प्रमुखता से दर्शाने वाले कृपा शंकर यादव ने समाजसेवा को ही अपने जीवन का मुख्य आधार बना लिया।
बचपन से ही निर्मला देशपांडेय के वैचारिक छत्रछाया में अपने सामाजिक कार्यो को कृपा शंकर यादव आगे बढ़ाते हुए सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ स्वयं को मजबूत कर रहे थे तभी अचानक एक दिन पता चला कि दीदी निर्मला देशपांडेय अब हम सबके बीच नही रहीं यह खबर सुन कृपा शंकर इस कदर आहत हुए मानो उनके हौसलों के पंख ही कट गए हो। किसी तरह खुद को सम्भालते हुए कृपा शंकर ने बलिया से रामनगर वाराणसी तक नशा उन्मूलन पदयात्रा कर दीदी निर्मला देशपांडेय को श्रद्धांजलि तो अर्पित की लेकिन उनकी कमी कृपा शंकर के जीवन मे साफ-साफ दिखने लगी। उसी समय वर्ष 2009 में पद्मविभूषित प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे से कृपा शंकर यादव का मिलना हुआ और अन्ना हजारे ने कृपा शंकर यादव को जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है का गुरुमंत्र देकर उनके सामाजिक सोच में फिर से उत्साह और आवेग को नई दिशा दी।
नशे के खिलाफ आज भी कृपा शंकर यादव का मानना है कि जिस देश के लोग अन्न के कुछ दानों और पानी की दो बूंदों के लिए तरस कर कुपोषण का शिकार हो जाये उस देश मे नशाखोरी अपराध ही नहीं बल्कि घोर पाप के समान है। नशाखोरी का समूल विनाश करने से ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। समाज मेंबढ़ती नशाखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलन्द करने वाले कृपा शंकर ने विश्व तम्बाकू विरोध दिवस पर कहा कि नशाखोरी, क्षेत्रवाद और जातिवाद की प्रवृत्ति में फंसकर सामाजिक सन्तुलन को अव्यवस्थित करने वाला कोई भी व्यक्ति अथवा संगठन देश की सभ्यता और संस्कृति के अलावा प्रभुत्व सम्पन्नता के लिए विष के समान है।
बलिया से रामनगर तक हुई नशा उन्मूलन पदयात्रा के 12 वर्षो के बाद आज संवाददाता से मुलाकात में बहुत कुरेदने पर कृपा शंकर यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जन सेवा ही उनका मिशन है। अगर आदमी ही आदमी के काम न आये तो फिर उसे मानव तन पाने से फायदा ही क्या। नशाखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफत स्वरूप आंदोलनों और अभियानों का हिस्सा आज समाज के हर वर्ग को होना चाहिए। तभी हमारा देश भारत विश्व पटल पर पुनः सोने की चिड़िया के रूप में स्थापित हो सकेगा।
बताते चलें, नशा मिटाओ समाज बचाओ अभियान के साथ साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बार अपनी आवाज को मुखर कर चुके कृपा शंकर यादव के नेतृत्व क्षमता की सराहना केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व थलसेनाध्यक्ष एवं वर्तमान कैबिनेट राज्यमंत्री विजय कुमार सिंह, बागपत सांसद डॉ. सतपाल सिंह, पीएसी के मुखिया एडीजी बी.के.सिंह सहित कई नामचीन हस्तियों ने की है।