सिवहि संभु गन करहिं सिंगारा, जटा मुकुट अहि मौरु सँवारा : डमरू वाले बाबा चले ब्याह रचाने, जमकर नाचे बाराती, हर ओर भोले की जय-जयकार
Varanasi : महाशिवरात्रि का पर्व बाबा विश्वनाथ की नगरी में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही शिवालयों पर भक्तों की भीड़ लगी रही। काशी विश्वनाथ में करीब चार लाख लोगों ने बाबा के दर्शन किए। हर-हर महादेव के उद्घोष से शिव नगरी गूंज उठी। बनारस के तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर भव्य शिव बरात शिवगणों के साथ निकली। शिवभक्त कोई नंदी के रूप में दिखा तो किसी ने शिव का अवतार धारण किया। वहीं, कोई नरमुंडों के साथ बाराती के रूप में नजर आए।

बारात शोभायात्रा में ऊंट, घोड़ा, लाग विमान, मदारी, भूत-पिशाच, अघोरी दिखें। शिव के रंग में रंगी काशी और महादेव की बारात देखकर हर कोई झूम उठा। स्थानीय लोगों के अलावा विदेशी पर्यटक भी इस अद्भुत बारात के साक्षी बने। बारात में शामिल हुए और नाचते गाते चलते रहे। काशी में जब बाबा की बारात निकलती है तो महिलाओं ने उनका परछन किया। भोले शंकर को औघर दानी भी कहा जाता है, इसलिए उनके बारात में भूत, प्रेत, पिशाच सभी शरीक हुए।

शिव बरात पांडेय हवेली, देवनाथपुरा, पांडेयघाट, राजाघाट, नारद घाट, केदारघाट, हरिश्चंद्र घाट, चेतसिंह किला से शिवाला सोनारपुरा, डेवढ़ियाबीर मंदिर होते हुए शाम को तिलभांडेश्वर मंदिर पहुंची। बरात में हाथों में बड़े-बड़े डमरू लिए लोग आगे चल रहे थे तो भगवान शिव के कई प्रतिरूप डमरू दल के साथ आगे बढ़ रहा था। वहीं शिव बारात समिति के सदस्यों ने बताया कि समिति द्वारा वर्षों से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। हम सभी बाबा की बारात निकालने का साल भर इंतजार करते हैं और हर साल पूरे उल्लास के साथ यह पर्व मनाते हैं। उन्हीने बताया कि बारात में लगभग 35 से 40 झांकियां शामिल थी।



