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नवरात्र का छठवां दिन : कात्यायनी देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं का लगा तांता, कुंवारी कन्या ऐसे करें पूजा, जल्द बनेंगे शादी के योग

Varanasi : आज चैत्र नवरात्रि का छठवां दिन है। इस दिन मां कात्यायनी के दर्शन का विधान है। वाराणसी के सिंधिया घाट में मां कात्यायनी देवी का मंदिर हैसोमवार की भोर मां कात्यायनी के शृंगार और उनकी मंगला आरती के बाद उनके पट को दर्शन-पूजन के लिए खोला गया तो कतार में खड़े देवी भक्त निहाल हो उठे। दर्शन-पूजन का यह सिलसिला देर रात तक अनवरत जारी रहेगा।

ऐसा माना जाता है कि मां के चरणों में हल्दी या दही चढ़ाने से अच्छे वर की प्राप्ति होती है। इसके लिए कन्या को मंगलवार और गुरुवार को लगातार 48 दिनों तक हल्दी-दही मां को अर्पित करना होता है। कात्यायनी देवी के मंदिर में मंगल और शनि से ग्रसित लोगों के लिए पूजन भी किया जाता है। यहां मंगल और गुरुवार को विधि-विधान से पूजन किया जाता है। मंगल और गुरुवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। मंदिर परिसर में गणेश, शनि, शुक्र और मंगल जैसे ग्रहों की शांति के लिए पूजन-पाठ भी किया जाता ही।

कात्यायनी देवी मंदिर के पुजारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी का दिन होता है। भगवती कात्यायनी के दर्शन करने से लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कुंवारी कन्या मां को 7 या पांच बार हल्दी का लेप लगाने से उन्हें वर की प्राप्ति होती है। वहीं, लड़कों को भी कन्या प्राप्ति के लिए 40 दिन मां को हल्दी का लेप करना होता है।

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