वाराणसी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध: दिखाए काले झंडे, वाहन पर फेंकी काली स्याही
Varanasi : सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को वाराणसी में विरोध का सामना करना पड़ा। मिर्जापुर की ओर निकल रहे स्वामी प्रसाद के स्वागत में कुछ लड़के टेंगड़ा मोड़ पर फूल-माला लेकर खड़े थे। उनको कार्यकर्ता समझ कर जब स्वामी का वाहन रुका, तो माला पहनाने की जगह उन पर स्याही फेंक दी गई। मगर, स्याही स्वामी प्रसाद के बजाय उनकी कार पर पड़ी। लड़कों ने स्याही के साथ ही काले झंडे भी फेंके। इस दौरान हर-हर महादेव और जय श्रीराम के नारे गूंजते रहे। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे युवकों को पीछे किया तब जाकर स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला आगे के लिए रवाना हुआ।
बता दें कि अपनी बयानबाजी से सुर्खियों में रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार रामचरित मानस पर टिप्पणी कर सवालों के घेरे में हैं। विरोध-प्रदर्शन में शामिल युवा भाजपा नेता दीपक सिंह राजवीर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बार-बार सनातन पर सवाल उठा रहे हैं। रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को कभी माफ नहीं करेंगे। उन्हें माफी मांगनी होगी। हम उनपर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कहा की स्वामी प्रसाद मौर्य सिर्फ और सिर्फ देश को बांटना चाहते हैं। उनका न कोई सिद्धांत है न कोई विचार। वह एक मौका परस्त व्यक्ति है, जिसने बहन कुमारी मायावती के चरण छूने से गाली देने तक का सफर तय किया है।
मिर्जापुर के लिए निकलने से पहले स्वामी प्रसाद ने वाराणसी में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस के विवादित अंश को संशोधित किया जाए या प्रतिबंधित किया जाए। मैं आज भी उस बयान पर टिका हूं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी अवगत करा दिया गया है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि आप लोगों को किसने बताया कि हमने रामचरित मानस का विरोध किया। एक चौपाई का विरोध करना रामचरित मानस का विरोध नहीं हुआ। हमने रामचरित मानस की कोई प्रति नहीं जलाई। स्वामी प्रसाद ने मनोज मुंतशिर को निशाने पर लिया। कहा कि मेरा सर्टिफिकेट देखना हो तो आप लोग यूनिवर्सिटी जाकर देख लिजिए कि मैं कितना पढ़ा-लिखा हूं।