मानव संपदा के पोर्टल पर अपलोड शिक्षकों के अभिलेखों से फर्जीवाड़ा
27 अध्यापकों को नोटिस देकर सात दिन में मांगा गया जवाब
स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी
Varanasi : परिषदीय विद्यालयों के कई अध्यापकों का पैन बदल दिया है। मानव संपदा के पोर्टल पर अपलोड शिक्षकों के अभिलेखों से फर्जीवाड़ा सामने आया है। बीएसए राकेश सिंह ने इस मामले में प्रथम चरण में 27 अध्यापकों को नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांगा है। स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जनपद के 1367 परिषदीय विद्यालयों में करीब 5900 अध्यापकों का डेटा मानव संपदा के पोर्टल पर अपलोड है। इसके तहत शिक्षकों के पूरे विवरण संग सर्विस बुक ऑनलाइन की जा रही है। अभिलेखों के डिजिटल होने से अब फर्जीवाड़े की परत-दर परत खुल रही है। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि अभिलेखों के डिजिटल करने के दरमियान जनपद में करीब 35 अध्यापकों का पैन व आधार कार्ड संदिग्ध मिला है। इसे देखते हुए वित्त व लेखा विभाग को सभी अध्यापकों के पैन व आधार कार्ड की जांच के निर्देश दिए गए थे। लेखा विभाग ने प्रथम चरण में 27 अध्यापकों की सूची जारी की है। इन अध्यापकों के पैन कार्ड फर्जी हैं। विगत वर्षों में इन अध्यापकों ने पैन कार्ड बदल लिए हैं। इसके पीछे संबंधित अध्यापकों की मंशा ठीक नहीं प्रतीत हो रही है। ऐसे में इनसे जवाब-तलब किया गया है।
डीएलएड प्रशिक्षुओं ने परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर होने वाली नियुक्तियों में प्रथम वरीयता की मांग की है। इस संबंध में डीएलएड संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा के पदाधिकारियों ने डीएम कार्यालय के अलावा जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी सौंपा है। राज्यमंत्री और कैंट विधायक को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि प्राथमिक विद्यालयों में चल रही 69000 शिक्षक भर्ती रिक्तियों की संख्या और न बढ़ाई जाय। इसमें यह भी कहा गया है कि वर्ष 2017 बैच का डीएलएड प्रशिक्षण अक्टूबर 2019 में पूर्ण हो गया है। प्रशिक्षित डीएलएड सर्टिफिकेटधारी गत आठ माह से प्राथमिक में शिक्षक भर्ती की राह देख रहें हैं। ऐसे में शिक्षकों की नई भर्ती में डीएलएड को प्रथम वरीयता देंं ताकि उनका भी चयन हो सके।