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चार घंटे बाद हड़ताल खत्म : पांच माह से नहीं मिला वेतन, इलेक्ट्रिक बस के परिचालकों ने विरोध जताया

Abhishek Tripathi

Varanasi News : मिर्जामुराद के गौर में स्थित इलेक्ट्रिक बस के परिचाल शुक्रवार की तड़के पांच बजे चार्ज़िंग बस स्टैंड का गेट बंद कर हड़ताल पर बैठ गए। परिचालकों के हड़ताल की सूचना पर पहुंचे सुपरवाइजर सौरभ सिंह ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन, परिचालकों का कहना रहा की जबतक हम सब के पैसे नहीं मिल जाते काम पर नहीं लौटेंगे।

सुपरवाइजर ने हड़ताल की सूचना परिवहन क्षेत्रीय प्रबंधक को दिया। बता दें कि वाराणसी में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए वंशिका एच.आर प्राइवेट कंपनी द्वारा करीब 128 परिचालकों को हायर किया गया है।

अलग-अलग शिफ्ट में ये काम करते हैं। परिचालकों ने आरोप लगाया कि हम सभी लोगो को पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है। जबकि, हम लोगों द्वारा प्रतिदिन काम किया जा रहा है। जब भी पैसे की बात करते हैं तो एक या दो महीने का वेतन हम लोगों के खाते में डाल दिया जाता है।

परिचालकों ने आरोप लगाया कि हर महीने वेतन न मिलने के कारण परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है। किसी के बच्चे की स्कूल की फीस भरनी है तो किसी की मां या पत्नी बीमारी से झेल रही हैं। वेतन न मिलने के कारण इलाज सही से नहीं हो पा रहा है।

इधर, बस का संचालन न होने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। करीब तीन घण्टे बाद पहुंचे परिवहन क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा के समझाने-बुझाने और रक्षाबंधन से पहले वेतन दिलवाने के साथ मेडिकल कार्ड और पीएफ का पैसा जल्द से जल्द दिलवाने के आश्वसन पर लगभग चार घण्टे बाद हड़ताल समाप्त हुआ।

हड़ताल करने वाले परिचालकों में बलविंदर यादव, सुनील पाल, इरफान अहमद, रत्नेश सिंह, विपुल सिंह, मोहित, संजय भास्कर, आर्यन, शमीम, विक्रम, सोनू, राजेश सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।

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