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नवरात्र का तीसरा दिन : मां चन्द्रघण्टा के दरबार में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, दर्शन के लिए लगी लंबी कतार

Varanasi : शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा माता के दर्शन-पूजा का विधान है। माता का मंदिर वाराणसी के चौक स्थित लक्खी चौतरा गली में है। जहां अलसुबह से ही श्रद्धालु कतारबद्ध होकर दर्शन पूजन कर रहे हैं। देर रात से ही पूरी गली माता के जयकारों से गूंज उठा है। बता दें कि श्रद्धालु सुबह से ही जय माता दी और हर-हर महादेव के नारे लग रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि काशी में मोक्ष दिलाने वाली मां चंद्रघंटा ही हैं। वहीं चंद्रघंटा मंदिर के पुजारी वैभव योगेश्वर ने…

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Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि में नहीं कर पा रहे दुर्गा सप्तशती पाठ, केवल करें नवार्ण मंत्र का जाप, होंगे ये लाभ

चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा की कृपा पाने का उत्तम अवसर है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। हालांकि यह पाठ संस्कृत में है और इसे करने में काफी समय लगता है। ​यदि आप इस नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आप पूरे नवरात्रि केवल नवार्ण मंत्र का जाप करते हैं तो भी आपको नवदुर्गा का आशीर्वाद मिलेगा। साथ ही महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती की भी कृपा प्राप्त होगी।…

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Chaitra Pradosh Vrat 2023 : कब है रवि प्रदोष व्रत? जानें मुहूर्त और उपाय

प्रदोष व्रत दोष, रोग, कष्ट दूर करने वाला माना गया है। हर माह दो प्रदोष व्रत आते हैं जो शिव शंकर को समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत के संबंध में मान्यता है कि जब चंद्र देव को कुष्ठ रोग हुआ था, तब उन्होंने भगवान शिव की आराधना की थी और शिव जी की कृपा से ही उनका दोष दूर हो गया था। इस व्रत के प्रभाव से सुहागिनों को अखंड सौभाग्यवती का वरदान, संतान संबंधी परेशानी दूर होती है। धन-सुख…

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Phulera Dooj 2023 : आज है फुलेरा दूज, सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करें ये एक काम, पति-पत्नी के बीच बढ़ेगा

आज से फाल्गुन शुक्ल पक्ष की शुरुआत हो रही है। वैसे तो फाल्गुन का पूरा महीना श्रीकृष्ण की आराधना के लिए अति उत्तम माना जाता है लेकिन फुलैरा दूज के पर्व पर राधा-कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण राधा और उनकी गोपियों संग फूलों की होली खेलते हैं। ऐसे शुरू हुई फूलों की होली खेलने की परंपरा एकबार राधा जी को छेड़ने के लिए कृष्ण ने खिले हुए फूल तोड़कर…

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