बिजलीकर्मियों की रार ने तो हद कर दी : बत्ती गुल होने से 50 से 60 रुपये में बिका पानी का जार, मोमबत्ती के सहारे रहे लोग
Varanasi : बिजलीकर्मियों की मनमानी से शहर की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बदहाल रही। कई घरों के लोग अंधेरे में रात गुजारी। बिजली आपूर्ति बाधित होने से पेयजल का जबरदस्त संकट रहा। ज्यादातर क्षेत्रों में जनता बेहाल दिखी। बिजली गुल होने से नाराज पांडेयपुर के तमाम लोग सड़क पर उतर आए। सबने प्रदर्शन करके नारेबाजी की और जाम भी लगाया। तमाम इलाकों में हैंडपंप से पानी भरकर काम चलाया गया। लोग साइकिल या फिर वाहनों की मदद से पानी ले जाते देखे गए। टैंकर से भी पानी भेजे गए हैं।
हड़ताल और व्यवस्था प्रभावित होने का असर औद्योगिक इकाइयों के उत्पादन पर भी पड़ा है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के पदाधिकारियों का कहना है कि रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयां ठप रही हैं। कुछ इकाइयां ऐसी हैं, जिनकी उत्पादन बेहद कम है। चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी फॉल्ट, ट्रिपिंग की समस्या बनी रहीं। इससे औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन प्रभावित हुआ। दूसरी तरफ, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और जिला प्रशासन ने आपूर्ति व्यवस्था को बहाल रखने का प्रयास किया, लेकिन बहुत हदतक सफलता नहीं मिल सकी। किसी क्षेत्र में दस घंटे तो कहीं बीस से पच्चीस घंटे से बिजली नहीं है। शिकायत करने के बाद भी जनता को राहत नहीं मिल पा रही है।

बिजली कटौती से बेहाल जनता को सरकारी सिस्टम से कोई राहत नहीं मिल पाई तो खुद ही इंतजाम में जुट गए। मंडुआडीह क्षेत्र के चांदपुर स्थित सरस्वती नगर काॅलोनी, भिटारी, बेदौली सहित शहर की अन्य कालोनियों में चंदा लगाकर जनरेटर मंगवाया गया। जनरेटर डोर टू डोर ले जाया गया, फिर उसे चलवाकर घरों की पानी की टंकी भरी गई। हालांकि, महंगे दाम पर पानी खरीदना भी पड़ा है। सामान्य दिनों में जो वाटर केन 20 से 25 रुपये में मिलता था, वह शुक्रवार को 50 से 60 रुपये में बिका है।
बिजली गुल होने से घरों में अंधेरा छा गया। इससे मोबाइल फोन चार्ज नहीं हो सका। इन्वर्टर भी जवाब दे गया। पावर बैंक भी फेल हो गए। जिन क्षेत्रों में बिजली ज्यादा कटी, वहां ज्यादातर लोगों के मोबाइल फोन बंद ही मिले हैं। कुछ क्षेत्रों में मोमबत्ती जलाकर कामकाज को निपटाना पड़ा।