Breaking Varanasi उत्तर प्रदेश ऑन द स्पॉट 

अल्लहड़ बनासियों के मस्त मिजाज : दुल्हन की दाढ़ी और मूंछ देख भड़क गया दूल्हा, बेमेल विवाह के बेमेल मंत्रोच्चारण के बाद दूल्हे ने किया छुट्टम-छुट्टा

Varanasi : हमेशा मस्त रहने वाला शहर बनारस शनिवार रात एक अजब-गजब की शादी का गवाह बना। अल्लहड़ बनासियों का मस्त मिजाज शनिवार को राजेंद्र प्रसाद घाट पर महामूर्खों की चौपाल में दिखा। मौका था शनिवार गोष्ठी द्वारा आयोजित विश्व प्रसिद्ध काशी के महामूर्ख मेले की। इस महामूर्ख मेले में हुई अजब-गजब शादी एक बार फिर अपने मुकाम पर नहीं पहुंची और बेमेल विवाह के बेमेल मंत्रोच्चारण के बाद दूल्हे ने छुट्टम-छुट्टा कर लिया। कारण बनी दूल्हे की दाढ़ी और मूछें। आयोजक, उपस्थित जन समुदाय ने दूल्हे को मनाने की कोशिश की पर शादी कैंसिल हो गयी। वहीं देर रात तक हास्य रंग के कवियों ने सांड बनारसी की अध्यक्षता में बनारस को खूब हंसाया।

राजेंद्र प्रसाद घाट पर एक अप्रैल की रात जब यह मन्त्र गूंजा तो हजारों की तादात में घाट पर मौजूद लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाए। मौका था शनिवार गोष्ठी द्वारा आयोजित महामूर्ख मेले का, जिसका श्रीगणेश बेमेल विवाह से हुआ। इस दौरान दूल्हा और दुल्हन का शृंगार देखने के लिए भी लोग आतुर दिखे। प्रसिद्ध नगाड़े की थाप पर दुल्हन बने डॉ एके पांडेय मंच पर लंगड़ाते हुए पहुंचे तो दूल्हा बनी आशा पांडेय कमर मटकाते हुए मंच पर पहुंची। उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर आयोजित इस मेले में पुरोहित बने उज्जवल पांडेय ने मंत्रोच्चारण शुरू किया अगड़म बगड़म जूता रगड़म, ब्याह कराऊं पकड़म-धकड़म… फिर क्या घाट की सीढ़ियों पर बैठे श्रोता पेट पकड़कर हसने लगे।

दुल्हन की दाढ़ी देख भड़का दूल्हा

किसी तरह शादी हुई ही थी की घूंघट उठाते ही दूल्हा भड़क उठा। कारण था दुल्हन की दाढ़ी-मूछ। कहा दिया शादी नहीं करना। पंचायत हुई समाज ने एक साल तक साथ रहकर समझने की बात कही पर दूल्हे ने एक ही मिनट में छुट्टम-छुट्टा का फैसला ले लिया। इसके बाद शुरू हुई हास्य रंग की महफिल जो आधी रात के बाद भी चलती रही। बेमेल शादी के टूटने के बाद हास्य-रंग का कवी सम्मेलन शुरू हुआ जो आधी रात तक चला। इस मेले के कबि सम्मेलन में सांड बनारसी ने जब सुनाया कि ‘बुलडोजर को देखिए जमी हुई है धाक, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग करे पल भर में ही खाक’ तो श्रोता अपने स्थान पर खड़े होकर नाचने और झूमने लगे। वहीं इस महफ़िल का संचालन कर रहे दमदार बनारसी ने भी बाबा के बुलडोजर पर कविता सुनाई कि  जिस दिन से राजनीति की महफिल में घुस गए, उस दिन से ही योगी जी सबके दिल में घुस गए। दो चार के घरों पे ये बुलडोजर क्या चला, अपराधी माफिया तो सारे बिल में घुस गए। इसपर काफी देर तक अल्लहड़ बनारसियों ने तालियां बजाई और कई बार इस पंक्ति को सुना।

 

काशीवासियों ने योगी सरकार के बुलडोजर पर की गयी हास्य कविताओं का भरपूर आनंद लिया। श्याम लाल यादव उर्फ फक्कड़ गाजीपुरी मंच पर पहुंचे तो उन्होंने सुनाया ‘बुलडोजर की किस्मत देखा, सरकारी मेहमान भइल बा’  इसपर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। देर रात तक श्रोता गंगा के तट पर बह रही हास्यरंजनी में गोते लगाते रहे। इस दौरान इटारसी से राजेंद्र मालवीय, दिल्ली से विनीत पांडेय, नैनीताल से मोहन मुंतजिर, प्रयागराज से बिहारी लाल अंबर ने काव्य पाठ किया।

56 साल से हो रहा आयोजन

बनरस की फिजा में हर चीज बराबर से घुली हुई है, जिसमें अल्ल्हड़ता और खुशमिजाजी का पर्सेंटेज थोड़ा ज्यादा है। यह बात 56 वर्षों से होते चले आ रहे महामूर्ख मेले से सिद्ध होती है। शनिवार गोष्ठी द्वारा बीती रात आयोजित हुए महामूर्ख मेले में शहर के विद्वानों ने एक दूसरे पर हंस कर एक अलग ही माहौल बनाया। मेले के संस्थापकों में से एक सांड बनारसी ने बताया कि यह आयोजन काशीवासियों के मनोरंजन के साथ ही साथ उसकी अल्लहड़ता से जोड़ने के लिए आयोजित किया जाता है। शनिवार गोष्ठी के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान ने बताया कि इस आयोजन में मूर्ख नहीं बल्कि शहर के साहित्य, कला, संगीत व शिक्षा जगत के विद्वान शामिल होते हैं। विवाह के लिए भी शहर के सबसे चर्चित महिला और पुरुष का चयन किया जाता है। 

You cannot copy content of this page