#Lockdown : नहीं मान रहे सेंट्रल गवर्नमेंट का फरमान, प्राइवेट स्कूलवाले कर रहे परेशान

Brijesh Ojha

#Varanasi : प्राइवेट स्कूलों द्वारा तीन महीने की फीस एक साथ मांगने के मसले पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी प्राइवेट स्कूलों से फीस वृद्धि न करने और तीन माह की फीस एक साथ न वसूलने को कहा है। मानव संसाधन मंत्रालय के इस निर्देश का असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में नहीं दिख रहा है। याद होगा, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस स्वास्थ्य आपातकाल की कठिन परिस्थितियों में सभी प्राइवेट स्कूल परेशान अभिभावकों का सहयोग करें।

पैंतरेबाजी

जानकारी मिलने के बाद प्राइवेट स्कूलवाले अप्रैल, मई और जून माह की फीस माफ करने के बजाए एडिशनल चार्ज के रूप में कुछ रुपए जोड़कर तीन माह की फीस रिकवरी करने की प्लानिंग कर रहे हैं। वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लागू किए गए लॉकडाउन में मध्यमवर्गीय से लगायत निचले तबके के परिवार आर्थिक रूप से परेशान हैं। इस मसले पर अलग- अलग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले गार्जियंस ने अपनी बात रखी।

न्यायसंगत नहीं

अधिवक्ता राजकुमार का कहना है कि सरकार के निर्णय का हम सम्मान करते हैं। हर अभिभावक भोजन कम करेगा लेकिन बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए कोई न कोई उपाय जरूर करेगा। कहा, प्राइवेट स्कूल वाले न्यायसंगत काम नहीं कर रहे हैं।

अधिवक्ता राजकुमार।

सरकार पर भरोसा

नागेंद्र पाठक कहते हैं वैश्विक महामारी के दौर में हर कोई परेशान है। प्राइवेट स्कूल वाले मनमानी कर रहे हैं। हमें सरकार पर भरोसा है। हमारे साथ गलत नहीं होगा।

नागेंद्र पाठक।

मजबूरन शिक्षा से रखना पड़ेगा वंचित

संजू सचदेवा ने कहा कि सरकार आर्थिक संकट से हमें निकालने के लिए जरूर कोई न कोई रास्ता निकालेगी। प्राइवेट स्कूल वालों की मनमानी इसी तरीके से जारी रहे तो मजबूरन हमें इस साल बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना पड़ेगा।

संजू सचदेवा।

कड़ा निर्णय ले सरकार

करुणा सिंह का कहना है कि शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में खून चूसो प्रतियोगिता शुरू होने से लोग पहले से परेशान हैं। सरकार को इस मसले पर खड़ा निर्णय लेना चाहिए।

करुणा सिंह।