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TB मुक्त पंचायत अभियान में ग्राम प्रधान की भूमिका अहम : क्षयरोग को न छिपाने, भ्रांतियों को दूर करने व सम्पूर्ण उपचार के लिए करेंगे प्रेरित

Varanasi : TB मुक्त पंचायत अभियान के तहत गुरुवार को चोलापुर ब्लाक के सभी ग्राम प्रधानों व पंचायत सचिव का एक दिवसीय संवेदीकरण किया गया। संवेदीकरण कार्यक्रम खंड विकास अधिकारी कार्यालय सभागार में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय, खंड विकास अधिकारी विमल पाण्डेय, सीएचसी चोलापुर के अधीक्षक डॉ. आरबी यादव व सहायक खंड विकास अधिकारी के निर्देशन व पीरामल फ़ाउंडेशन के सहयोग से आयोजित हुआ। इस दौरान अधिकारियों ने समस्त प्रतिभागियों को क्षय रोग के लक्षण, जांच, निदान, सम्पूर्ण उपचार, प्रचार-प्रसार, समुदाय में फैली भ्रांतियों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) ने बताया कि विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की थी। इसके साथ ही देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को दोहराया था। पंचायत स्तर से टीबी मुक्त अभियान को ज़ोर देने के लिए सभी को कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना होगा। जनपद में चोलापुर ब्लॉक से इस पहल की शुरुआत की गई है। इस कार्य में ग्राम प्रधानों, पंचायत सचिव व सदस्यों की अहम भूमिका होगी। डीटीओ ने समस्त ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव से अपील की है कि चोलापुर ब्लॉक के सभी 89 ग्राम पंचायतों में लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करें।

पंचायत स्तर पर होने वाली सभी बैठकों में टीबी को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने, टीबी रोग को न छिपाने और उसका सम्पूर्ण उपचार (एक भी दिन दवा न छूटने) कराने आदि के बारे में प्रेरित करेंगे। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से भी सहयोग लिया जाएगा। सभी के सहयोग और हर व्यक्ति तक पहुँचकर ही यह अभियान सफल हो सकता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच व उपचार की पूरी सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों को उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं।

इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी, सहायक खंड विकास अधिकारी, सीएचसी चोलापुर के अधीक्षक ने भी चोलापुर ब्लाक को टीबी मुक्त बनाने में ग्राम प्रधानों को आगे आने का आह्वान किया। बरथरा खुर्द के ग्राम प्रधान सुनील कुमार यादव ने कहा कि वह अपने क्षेत्र में लोगों को टीबी के लक्षणों, जांच और इलाज के बारे में जागरूक करेंगे। बुखार, खांसी आदि के लक्षण दिखने पर उन्हें बताएंगे कि क्षय रोग को छिपाएं नहीं बल्कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच कराकर सम्पूर्ण उपचार कराएं। इसके साथ ही टीबी को लेकर समुदाय में जो भ्रांतियां हैं उन्हें दूर करेंगे। सीएचओ और एएनएम के साथ नियमित बैठक करेंगे। समय-समय पर क्षय रोग की जांच के लिए शिविर भी लगाएंगे। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लेंगे। चुमकुनी के ग्राम प्रधान अनिल कुमार यादव ने कहा कि टीबी के बारे में गाँव की पूरी आबादी को जागरूक करेंगे। इस कार्यक्रम से पता चला कि सभी अंगों की टीबी संक्रामक नहीं होती है। केवल फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक होती है। सावधानी बरत कर हम संक्रमण को रोक सकते हैं। टीबी रोगी के साथ कोई भेदभाव न करें बल्कि सहयोगी बनकर उन्हें स्वस्थ होने के लिए प्रेरित करें।

पीरामल फाउंडेशन के संतोष कुमार सिंह, रूबी सिंह, अरविंद गुप्ता व अवनीश राय ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए सभी मिलकर ग्राम स्तर पर जागरूकता का कार्य कर रहे हैं जिसमें ग्राम प्रधान व सचिव की पूरी सहभागिता रहेगी। इस कार्यक्रम में 35 ग्राम प्रधान, 51 पंचायत सचिव व अन्य सदस्यों ने प्रतिभाग किया।

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