Varanasi 

काशी में इस बार दो दिनी होली : कुछ सोमवार तो कुछ आज हुए रंग से सराबोर, गली-मोहल्लों में रंग डालने का शोर

Varanasi : धर्म की नगरी काशी में होली का पर्व इस साल दो दिन मनाया गया। शहर के कई हिसों में जहां 6 मार्च को होलिका दहन किया गया वहीँ कई हिस्सों में 7 मार्च को, जिस कारण शहर में 7 और 8 मार्च दोनों दिन होली मनाई गयी। मंगलवार को कम पर बुधवार को शहर में फागुनी बयार बहती दिखी। गोदौलिया चौराहे पर अल सुबह ही होलियारे पहुंचना शुरू हो गए थे और 10 बजते-बजते चौराहा पूरा भर गया। फिर क्या शुरू हो गयी डीजे की धुन पर होली की खुमार।

गोदौलिया चौराहे पर दिखा प्रयागराज का नजारा
प्रयागराज में कपड़ाफाड़ होली मशहूर है। वहां चौराहों पर डीजे लगाकर पूरे शहर के लोग एक साथ होली मनाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा इस वर्ष गोदौलिया चौराहे पर देखने को मिला जहां सुबह से दोपहर 2 बजे तक होलियारे डीजे की धुन पर नाचते दिखे। यहाँ विदेशी सैलानियों ने भी होली का आनंद लिया और एक दूसरे को जमकर रंग लगाया।

अस्सी घाट और दशाश्वमेध पर हुई होली
वहीँ युवाओं ने अस्सी घाट को भी इस बार होली का केंद्र बनाया और डीजे की धुन पर जमकर कलर खेला और एक दूसरे को प्रेम के रंग में रंग दिया। यहाँ भी हर उम्र के लोग होली की मस्ती में सराबोर दिखे। वहीं दशाश्वमेध घाट पर सूखे गुलाल से होली खेली गयी। सभी ने एक दुसरे को लाल-पीले गुलाल से सराबोर कर दिया।

गली-मोहल्ले बच्चों के शोर से रहे गुलजार
होली के दिन सुबह से ही गली-मोहल्ले बच्चों के शोर से गुलजार रहे। हर तरफ से पकड़ो, भागने न पाए , रंग लगाओ की आवाज दिन भर आती रही। इस समय लोग तैयार होकर होली मिलने के लिए निकलेंगे और एक दुसरे के घरों पर जाकर उन्हें बधाई देंगे।

पहले दिन जलीं थीं सिर्फ 30 प्रतिशत होलिकाएं
वहीँ इसके पहले काशी में 6 मार्च को बाबा विश्वनाथ के प्रांगण सहित 30 प्रतिशत होलिकाओं का दहन किया गया था। 70 प्रतिशत हलिकाओं का दहन मंगलवार को किया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। होलिका जलते ही काशी की फिजा में होली का सुरूर घुलता दिखाई दिया।

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