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हरी मटर का सेवन करने वाले हो जाएं सावधान ! ये खास खबर है आप के लिए

सर्दियों के मौसम में कई तरह की सब्जियों का स्वाद लेने को मिलता हैं। लेकिन कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जो इस सीजन में बहुत देखने को मिलती हैं। इन्हीं सब्जियों में से एक हैं हरे मटर जो कुछ घरों में हर दूसरे दिन बनाई जाती हैं। हरी मटर में फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ए, ई, डी, सी, के और कोलीन, पैंटोथैनिक एसिड, राइबोफ्लेविन जैसे यौगिक पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी पोषण युक्त मटर का सेवन अधिकता से किया जाए, तो इसका सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं। खासकर अगर आपके शरीर में पहले से यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो आपको मटर का सेवन एकदम सीमित मात्रा में करना चाहिए। हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से मटर का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचाता हैं। आइये जानते हैं

घाव भरने में देरी

हरी मटर विटामिन के का अच्छा स्त्रोत है। लेकिन शरीर में विटामिन के की अधिकता न सिर्फ खून पतला करती है बल्कि प्लेटलेट्स को भी कम कर देती है। जिसकी वजह से घाव भरने और टिशू के जल्दी रिपेयर होने में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा ऐसे लोग जिनका पेट संवेदनशील है, पेट में अल्सर है, रक्त के थक्के बनते हैं, थ्रोम्बोफ्लिबिटिस जैसी दिक्कतें हैं उन लोगों के लिए भी मटर का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

डायरिया की प्रॉब्लम

मटर के ज्यादा सेवन से पेट में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। इससे गैस की प्रॉब्लम हो सकती है। मटर में बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होता है। ज्यादा मात्रा में मटर खाने से ये आसानी से नहीं पचता और मटर में मौजूद लेक्टिन पेट में सूजन को बढ़ाने का काम करता है। अधिक मात्रा में मटर के सेवन से डायरिया की समस्या भी हो सकती है।

पनपती हैं गठिया की समस्या

हरी मटर के अंदर प्रोटीन, अमीनो एसिड, फाइबर और विटामिन डी पाया जाता है जो हड्डियों के लिए लाभदायक होता है। लेकिन जब हरी मटर का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है तो इसकी वजह से गाउट की समस्या पैदा हो जाती है जिसमें जोड़ों में भयंकर दर्द होने लगता है। यही स्थिति आगे चलकर अर्थराइटिस की शक्ल ले लेती है। आपको बता दें कि मटर के अधिक सेवन से शरीर में यूरिक एसिड का अधिक प्रवाह होने लगता है, जिसे किडनी मूत्राशय के जरिए बाहर निकालने में असमर्थ हो जाती है। यही स्थिति दाल और बीन्स के अधिक सेवन से भी होने लगती है।

एंटीन्यूट्रिएंट् होता है शामिल

हरी मटर के अंदर साइट्रिक एसिड और लेक्टिंस जैसे एंटी न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। यह शरीर में पोषक तत्वों को मिलने में बाधा उत्पन्न करते हैं। जिसकी वजह से शरीर में जिंक, आयरन और मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। इसकी वजह से व्यक्ति कुपोषित भी हो सकता है। साथ में आंत के अच्छे बैक्टीरिया के लिए भी अधिक हरी मटर का सेवन नुकसानदायक होता है।

गैस की समस्या

जिन लोगों को पेट में गैस या ब्लोटिंग की समस्या रहती है, उन्हें हरी मटर का सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल, हरी मटर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा इसमें मौजूद शुगर को व्यक्ति का पाचन तंत्र आसानी से पचा नहीं पाता है। यही वजह है कि हरी मटर का ज्यादा सेवन करने पर ये आसानी से नहीं पचती है। जिससे पेट में गैस, कब्ज, सूजन और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

शरीर में पूरे पोषक तत्व नहीं पहुंचने देते

हरी मटर में पाए जाने वाले फाइटिक एसिड और लेक्टिन पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं। ये पाचन की समस्या भी पैदा करते हैं। इनमें मौजूद फाइटेट्स, शरीर में जिंक, मैग्नीशियम और आयरन जैसे मिनरल्स को कम कर देते हैं। जिसकी वजह से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसका असर इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है और शरीर में बैक्टीरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए मटर को बहुत अधिक मात्रा में खाने से बचना चाहिए।

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