आज शिवजी के इन अचूक उपायों की मदद से मिलेगा हर समस्या का समाधान, जीवन में बनी रहेगी शांति और खुशहाली
सप्ताह का सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। इस दिन शिवजी की पूजा-अर्चना करने मन की हर मुराद पूरी हो जाती है। वहीं जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही है या कोई बाधा आ रही है वो सोमवार का व्रत और पूजा जरूर करें। वहीं सोमवार के दिन कुछ विशेष उपायों को करने से जीवन की कई समस्याओं का समाधान मिल जाता है। तो आइए जानते हैं कि आज कौनसे उपायों को करना फलदायी रहेगा।
अक्सर आपके साथ ऐसा होता है कि ऑफिस में लगातार किसी काम को लेकर आप पर प्रेशर डाला जाता है जिसके कारण आप मानसिक उलझन में रहते है तो आज सोमवार के दिन स्नान यदि कर अशोक के सात ताजे पत्ते लें। उसे अपने घर में साफ-सुथरी जगह पर रखें इसके बाद उसकी पूजा-अर्चना करें। उसके सूखने पर उन्हें पीपल के पेड़ के नीचे रख दें । ऐसा आपको लगातार सात दिनों तक करना है।
अगर आपका मन कुछ अशांत है और आप उस अशांति को दूर करके जीवन में शांति बनाना चाहते हैं तो आज के दिन आपको जल में लाल पुष्प डालकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए और शिव जी के त्र्यम्बक मंत्र का जाप करना चाहिए। त्र्यम्बक मंत्र है- ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥’
अगर आप अपनी नौकरी को लेकर कुछ परेशान हैं तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए आज आपको शिव जी के इस मंत्र का एक माला यानि 108 बात जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ।।’ इस मंत्र जप के साथ ही आज के दिन आपको भगवान शंकर को विल्व पत्र अर्पित करने चाहिए।
अगर आपको हर समय किसी न किसी चीज़ का भय बना रहता है तो इसके लिए आज शिव जी की प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर, आसन बिछाकर पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए और संभव हो तो रुद्राक्ष या चंदन की माला से ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। अगर आपके पास रुद्राक्ष या चंदन की माला उपलब्ध नहीं है तो करमाला पर गिनकर 108 बार मंत्र का जाप कर लें।
अगर आप अपने धन-धान्य के साधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो इसके लिए आज के दिन आपको स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर शिव मंदिर जाना चाहिए और भगवान की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। फिर रोली-चावल का तिलक लगाएं। इसके बाद शक्कर से भगवान का मुंह मीठा करें और साथ ही फलों का भोग लगाएं। फिर धूप-दीप आदि से भगवान की पूजा करें और आखिर में हाथ जोड़कर प्रणाम करें।