Breaking Health Varanasi उत्तर प्रदेश ऑन द स्पॉट 

शुरू हुआ टीबी मरीजों का उपचार : सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान में मिले हैं 88 मरीज, नियमित होगा फॉलोअप

Varanasi :जनपद में मिले सभी 88 नए मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है। यह सभी मरीज सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ़) अभियान के तहत खोजे गए थे। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह अभियान 20 फरवरी से 4 मार्च तक चलाया गया था।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के लगातार इलाज से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाता है और कुछ समय बाद यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है जोकि बेहद गंभीरजनक है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।

CMO ने एसटीएस, एसटीएलएस, डीपीटीसी, टीबीएचवी को निर्देशित किया कि सभी मरीज जिनका निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत भुगतान किया जाना है, उनका एकाउन्ट प्राप्त करते हुये शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करें। एमडीआर मरीज जिनका उपचार प्रारम्भ नहीं हुआ है, उनका शीघ्र-अतिशीघ्र उपचार प्रारम्भ कराना सुनिश्चित करें। छह वर्ष से कम आयु के बच्चो के टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टी.पी.टी.) उपचार की स्थिति निक्षय पोर्टल पर अपडेट करना सुनिश्चित करें। जिन मरीजों की जानकारी यूडीएसटी पोर्टल पर अपडेट नहीं हुयी है, उनकी स्थिति पोर्टल पर अपडेट करना सुनिश्चित करें।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने बताया कि एसीएफ़ अभियान के लिए 235 टीमें और 47 सुपरवाइजर लगाये गए थे। टीम ने घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों के आधार पर मरीजों को खोजा । अभियान के दौरान टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता देखने को मिली। जनपद को टीबी से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रयासों से जुटा हुआ है। जांच व उपचार के लिए 23 टीबी यूनिट बनाई गईं हैं। उन्होने बताया कि जिले में इस समय 6273 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें से 588 एमडीआर रोगी हैं | जनवरी 2022 से अब तक 2682 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। वर्ष 2018 से अभी तक निक्षय पोषण योजना में 39466 क्षय रोगियों को करीब 10.47 करोड़ रुपए का भुगतान डीबीटी के जरिये किया जा चुका है।

डीपीसी संजय चौधरी और डीपीपीएमसी नमन गुप्ता ने बताया कि इस अभियान के दौरान सात लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें 1890 लोगों में टीबी के संभावित लक्षण दिखने पर बलगम और एक्सरे जांच की गई। इसमें 88 लोग पॉज़िटिव पाये गए जिन्हें तत्काल उपचार पर रखा गया है।

You cannot copy content of this page