Public Service Day : जिला ही हमारा परिवार, जल्द Covid-19 को देंगे मात- कौशल राज शर्मा

#Varanasi : जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने लोक सेवा दिवस के अवसर पर कहा कि विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी बन कर आई है। भारत इससे पूरी शक्ति से इससे जूझ रहा है। उन्होंने कहा, इस साल का चैलेंज यही है कि जो पूरे देश में छाया हुआ है, उस कोरोना और पब्लिक के बीच में ढाल के रूप में खड़ा रह कर कोरोना को जल्द से जल्द परास्त करें। इसी के लिए पिछले एक-डेढ़ माह से सभी पब्लिक सेवा से जुड़े लोग लगे हुए हैं। कोशिश है कि इसमें जल्दी से जल्दी कोरोना को परास्त करें। सिविल सर्विसेज के लोग कंधा से कंधा मिलाकर इस चुनौती का सामना करें। एग्जांपल सेट करें। जो भी विपत्ति आयी और उससे पार पाया गया, वैसे ही कोरोना के जंग को भी जीतेंगे। देश को जनता के साथ आगे ले जाएंगे।

कसक कम और प्रेरणा अधिक मिलती है

कोरोना वैश्विक महामारी से निबटने तथा लॉकडाउन की स्थिति में लोगों की दैनिक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के साथ-साथ कोरोना वायरस के संक्रमण एवं उससे बचाव हेतु किए जा रहे एहतियाती कार्रवाई के साथ ही कोरोना मरीजों की पहचान कर उनका इलाज सुनिश्चित कराए जाने के अपने भागमभाग जीवनचर्या के संबंध में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि जैसे प्रधानमंत्री कहते हैं कि पूरा राष्ट्र उनका परिवार है, उसी तरग हमें भी जिले के रूप में छोटी इकाई का चार्ज मिला है, तो पूरा जिला ही हमारा परिवार है। कहा, कोरोना की जद्दोजहद में अपने परिवार को समय न दे पाने की कसक कम और प्रेरणा अधिक मिलती है। क्योंकि जिला ही अपना परिवार है।

अस्थाई जेल में रखे गए 50 लोग

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि प्रयागराज मार्ग पर स्थित डिग्री कॉलेज को बंदी अधिनियम धारा के तहत अस्थायी जेल बनाया गया है। जिसका लिखा-पढ़ी में चार्ज जिला जेल के जेलर को दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में केंद्रीय एवं जिला कारागार के रूप में दो जेल हैं। इन दोनों जिलों में निरुद्ध शत-प्रतिशत का थर्मल स्कैनिंग कराया जा चुका है। ऐसे में समय-समय पर अन्य मामलों में विरुद्ध लोगों को इन जेलों में रखने से कोरोना संक्रमण की संभावना बनी रहती। उन्होंने बताया कि विशेष परिस्थितियों में बंदी अधिनियम की धारा के अंतर्गत अस्थायी रूप से जेल बनाया जाता है। वर्तमान में कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं उससे बचाव के दृष्टिगत रखते हुए इस अस्थायी जेल को बनाया गया है। जिसमें ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, मजिस्ट्रेट, एसीएम, एसडीएम एवं पुलिस के माध्यम से बंदी आते हैं। उन्हें यहां रखा जाता है। रिमांड अवधि पूरा होने पर उन्हें क्वॉरेंटाइन होम में भेज कर फिर उन्हें छोड़ दिया जाता है। लॉकडाउन में पैदल एवं वाहनों से चलकर आने वालों के साथ ही लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले से संबंधित तकरीबन 50 लोग इस अस्थायी जेल में रखे गए हैं।