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Varanasi: DM ने कहा 2021 तक करना है कालाजार का उन्मूलन, click कर पढ़िए लक्षण और बीमारी से बचने का तरीका

Varanasi : जिलाधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष कौशल राज शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2021 तक कालाजार का पूरी तरह से उन्मूलन करना है। इसी के क्रम में कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत जिले के कालाजार प्रभावित दो ब्लॉकों में छिड़काव का कार्य किया जा रहा है। वर्ष में दो बार कीटनाशक छिड़काव का ही असर है कि कालाजार रोग वाराणसी में सीमित हो चुका है। फिर भी अन्य जनपदों के साथ वाराणसी जनपद भी कालाजार उन्मूलन के लिए सरकार कृत संकल्प है और इसी क्रम में सरकार द्वारा समय-समय पर अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है तथा उन्मूलन संबंधी निरोधात्मक कार्य किए जाते हैं जिसमें दवा छिड़काव इत्यादि शामिल है।

डीएम ने सेवापुरी और काशी विद्यापीठ ब्लॉक जहां कालाजार उन्मूलन के लिए कार्य किया जा रहा है वहाँ के निवासियों से अपील किया कि क्षेत्र में भ्रमण कर रही टीमों को समुचित जानकारी प्रदान करें, उनका सहयोग करें तथा कालाजार से बचने के लिए बताए गए उपायों पर अमल करें। कालाजार से संबन्धित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम अथवा संबन्धित नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी को खत्म करने तथा कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए प्रतिवर्ष दो चरणों में इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) किया जाता है। यह छिड़काव घर के अंदर दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक होता है।

कालाजार प्रभावित दो ग्राम

उन्होने बताया कि जनपद में कालाजार प्रभावित दो ग्राम हैं। पहला ग्राम काशी विद्यापीठ ब्लॉक का हरपालपुर है जिसकी आबादी 2,538 है। यह ग्राम पूर्व में वर्ष 2009 तक कालाजार प्रभावित रहा है। इस गाँव में वर्ष 2009 तक 21 मरीज थे जिनका इलाज कर ठीक कर दिया गया। लगातार मरीजों के मिलने और उनके तुरंत इलाज व प्रतिवर्ष छिड़काव होता है। इस कारण कालाजार के मरीजों में बेहद कमी आई है। वर्ष 2019 में एक नया मरीज और 3 मरीज पुराने मिले थे। 25 मई 2020 से इस गाँव में कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि दूसरा ग्राम सेवापुरी के अर्जुनपुर है। इसकी आबादी लगभग 1300 है। वर्ष 2018 में गाँव में एक मरीज मिला था जिसका इलाज कर ठीक किया जा चुका है। इस गाँव में भी छिड़काव का कार्य किया जा रहा है।

निःशुल्क जांच एवं उपचार

बताया कि समय पर जांच एवं इलाज कराने पर यह रोग पूर्णतया ठीक हो जाता है। अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा विशेष जानकारी के लिए जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय कबीर नगर कालोनी दुर्गाकुंड में संपर्क कर सकते हैं। कालाजार के निःशुल्क जांच एवं उपचार की व्यवस्था पंडित दीनदायल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में मौजूद है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री यूपी जय प्रताप सिंह ने भी फेसबुक के जरिये जनसमुदाय से सहयोग की अपील किया है तथा कालाजार उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर किया है।

कालाजार की कहानी

जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने बताया कि कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी ‘लिश्मैनिया डोनोवानी’ के कारण होता है। यह एक वेक्टर जनित रोग भी है। इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। कालाजार बीमारी परजीवी बालू मक्खी के जरिये फैलती है। जो कम रोशनी वाली और नम जगहों जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है। बालू मक्खी यही संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाती है। इस रोग से ग्रस्त मरीज खासकर गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है। इसी से इसका नाम कालाजार यानि काला बुखार पड़ा। इसमें बुखार रुक-रुक कर या तेजी से तथा दोहरी गति से आता हैं। भूख कम लगती है, शरीर में पीलापन और वजन घटने लगता है। स्प्लीन यानि तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ने लगता है। त्वचा-सूखी, पतली और शल्की होती है और बाल झड़ने लगते हैं। शरीर में खून की कमी बहुत तेजी से होने लगती है। इसके रोकथाम के लिये अपने घर को साफ रखना चाहिए। दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई आवश्यक है।घर में प्रकाश आना चाहिए। रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं तथा तीन महीने तक घरों में में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं। कमरे के जमीन से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं।

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