#Varanasi : लोगों की हित के लिए DM की अपील, OPD सहित अन्य चिकित्सकीय सेवाएं शुरू करें, प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर्स न बढ़ाएं फीस
#Varanasi : जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निदेशक चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,चिकित्सा अधीक्षक सर सुन्दर लाल चिकित्सालय बीएचयू, मण्डलीय अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक राजकीय महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय, रामनगर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, ईएसआईसी हॉस्पिटल पाण्डेयपुर, अध्यक्ष/सचिव इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, शाखा और अध्यक्ष/सचिव, नर्सिंग होम एसोसिएशन शाखा वाराणसी को पत्र लिखकर जनहित में अपील की है कि अपने सभी ओपीडी व अन्य तरह के मरीजों का इलाज अपने अस्पताल में चालू कराएं। ऐसा न हो कि कोई भी मरीज आपके अस्पताल पर आये और उसे उपचार न मिले। निजी अस्पताल-चिकित्सक अपनी फीस में वृद्धि न करें। निजी अस्पतालों और क्लीनिक के फिक्स रेट होते हैं, जिनको धीरे-धीरे रेगुलरेट किया जाये तथा किसी भी दशा में कोविड-19 की महामारी के दृष्टिगत फीस वृद्धि न की जाये।
ताकि संक्रमण का खतरा न रहे
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने उपरोक्त लोगों से यह भी अपील की है कि जिनके पास आईसीयू, वेंटीलेटर, किसी तरह की डायग्नोस्टिस टेस्टिंग मशीन व एम्बुलेंस का भरपूर उपयोग करें। इसे रोज सेनेटाइज अवश्य करायें, परन्तु ये आवश्यक संसाधन बिना प्रयोग न रहे। कोविड-19 से सम्बन्धित सिम्टम्स का कोई भी मरीज मिलता है तो तत्काल ईएसआई अस्पताल/पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय/चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सम्बन्धित कोविड अस्पताल को संदर्भित करें। यदि आपके यहां इलाज करवा रहे किसी व्यक्ति का कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशानुसार अस्पताल का संचालन तब तक रोक दें, जब तक आपके सभी डॉक्टर/पैरामेडिकल स्टाफ/अन्य सभी स्टाफ का कोरोना टेस्ट न कर लिया जाये। टेस्ट रिजल्ट न प्राप्त हो जाये। अपने सभी मेडिकल/पैरामेडिकल एवं सभी स्टाफ को पर्याप्त प्रशिक्षण दें। मरीजों के ज्यादा सम्पर्क में आने वाले कर्मियों को एन-95 मास्क, ग्लोव्स एवं ऑपरेशन आदि करने वाले स्टाफ को पीपीई किट आदि उपयोग करायें। प्राइवेट अस्पताल/नर्सिंग होम/क्लीनिक मैटरनिटी एवं अन्य ऑपरेशन के लिए क्षेत्रवार किसी एक अस्पताल/नर्सिंग होम को चिन्हित कर उसमें मरीजों की पूलिंग भी कर सकते हैं, ताकि एक ही अस्पताल/नर्सिंग होम में ऑपरेशन एवं गम्भीर चिकित्सा की जा सके एवं सभी नर्सिंग होम/अस्पताल में संक्रमण का खतरा न रहे।