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Varanasi Gyanvapi Case : कहा- दरवाजा खुलवाने से ढह सकती है मस्जिद, वादी की याचिका पर प्रतिवादी पक्ष की ओर से चार पेज की आपत्ति

Varanasi : ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे (Gyanvapi Mosque Survey) की वादी सीता साहू, रेखा पाठक व मंजू व्यास की ओर से 17 मई को सिविल जज की अदालत में अर्जी लगायी है कि तहखाने की दीवार तोड़वाकर अंदर शिवलिंग जैसी दिखने वाली आकृति की मापी कराई जाए। इस याचिका पर प्रतिवादी संख्या-4 अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने गुरुवार को 4 पेज की आपत्ति सिविल जज सीनियर डिवीजन (Civil Judge Senior Division) रवि कुमार दिवाकर (Ravi Kumar Diwakar) के न्यायालय (Court) में जमा की है। इस आपत्ति में 19 बिंदुओं पर वादियों की याचिका का पुरजोर विरोध किया गया है। वादी पक्ष के अनुसार यदि दरवाजा (Door) खुलवाया जाता है तो सम्पूर्ण मस्जिद (Mosque) ढह (Collapsed) सकती है।

प्रतिवादी पक्ष के अनुसार, जिस संरचना को वादी शिवलिंग कह रहा है या वह फौव्वारा है, वह न्यायालय के समक्ष आए साक्ष्यों के आधार पर तय होगा, लेकिन वादी इसे लगातार शिवलिंग कहकर साम्प्रदायिकता फैलाने व शहर और देश का माहौल खराब करने पर तुले हैं। गलत व काल्पनिक तथ्यों पर इस तरह का प्रचार न हो। सूत्रों के अनुसार प्रतिवादी पक्ष ने यह भी कहा कि शिवलिंग के दावे का निर्धारण करना न्यायालय का अधिकार है, जो अभी नहीं हुआ है। इसलिए इसकी माप-जोख या नीचे की लम्बाई जानना जरूरी नहीं है।

आपत्ति में यह भी कहा गया है कि कोर्ट कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट आए बगैर इस प्रकार का दावा अनुचित है। कहा कि जिस संरचना को वादी शिवलिंग की संज्ञा दे रहे हैं, उसे शिवलिंग तय करने का अधिकार न तो वादियों को है और न ही कोर्ट कमिश्नर को है। लेकिन दुर्भाग्य है कि अधिवक्ता आयुक्त उसे शिवलिंग करार दे रहे हैं। शिवलिंग की कमीशन के दौरान मापी हो चुकी है।

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