Varanasi : रिश्वतखोरी के मामले में अपने ही थाने में गिरफ्तार हुए दो सिपाही, प्रभारी रहे इंस्पेक्टर अनूप शुक्ला प्रकरण के बाद फिर सुर्खियों में रामनगर थाना
Varanasi : एक तरफ जहां पुलिस को कोरोना फाइटर कह कर उन पर ऊपर पुष्पवर्षा की जा रही है तो दूसरी ओर कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी है जो वर्दी को दागदार करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। वर्दी पर दाग भी ऐसा लगा कि दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा लिख कर उन्हीं के थाने की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर हवालात में डाल दिया। पुलिस फरार तीसरे आरोपी की तलाश की जा रही है।
दरअसल, बीते 30 अप्रैल को रामनगर के रामपुर स्थित गायत्री नगर कॉलोनी निवासी सब्जी बेचने वाले चमरू सोनकर ने रामनगर थाने के सिपाही प्रदीप कुमार और राहुल भारती सहित मोहन मोर्या के खिलाफ तहरीर दी थी। चमरू का आरोप था कि वह पड़ोस के मोहन मौर्या उर्फ छोटू के घर अपने तीन दोस्तों के साथ 40 से 50 रुपए का दाव लगा कर कैरम खेल रहा था। मोहन के घर रामनगर थाने के फैंटम दस्ते के सिपाही प्रदीप कुमार और राहुल भारती आ धमके। दोनों सिपाहियों ने उन्हें लॉकडाउन का उलंघन करने की बात करते हुए उनकी फोटो खींची। वीडियो क्लिप बनाया। दोनों सिपाहियों ने उनसे कहा कि अब तुम लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तुम लोगों को जेल भेज दिया जायेगा। मोहन मौर्या ने चारों से कहा कि दोनों सिपाही उसकी जान-पहचान के हैं। तुम लोग तीन-तीन हजार रुपये प्रति व्यक्ति देकर मामला खत्म करा लो।
चमरू सहित चारों युवकों ने कार्रवाई से बचने के लिए 12 हजार रुपए मोहन को दे दिया। चमरू ने बताया कि रात में उसे पता लगा कि पांच हजार रुपए दोनों सिपाहियों ने ले लिया और सात हजार रुपए मोहन ने खुद रख लिया है। इस पर चमरू ने रामनगर थाने में दोनों सिपाहियों सहित मोहन के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। इससे पहले रामनगर थाना तब सुर्खियों में आया था जब थाना प्रभारी रहे इंस्पेक्टर अनूप शुक्ला पर खुद शराब तस्करी का आरोप लगा था। जांच में पता चला था कि बरामद माल वह कुछ सिपाहियों की मिलीभगत से बेच रहे हैं। बनारस और चंदौली पुलिस की साझा कार्रवाई के बाद इंस्पेक्टर अनूप शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया था। इस प्रकरण में कुछ सिपाहियों की गिरफ्तारी भी हुई थी।

बोले एसएसपी
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि सिपाहियों के द्वारा रिश्वत लिए जाने की जानकारी मिलने पर मामले की जांच एएसपी अभिषेक अग्रवाल को सौंपी गई थी। जांच में पुष्ट हुआ कि मोहन मौर्या, रामनगर थाने के सिपाही प्रदीप कुमार और राहुल भारती के द्वारा रिश्वत के तौर पर 12000 रुपये लिए गए थे। उन्होंने रुपये आपस में बांटा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को सिपाही प्रदीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं रिश्वतखोरी के मामले में कांस्टेबल राहुल भारती के भूमिका की जांच की जा रही है। रामनगर थाने में दोनों कांस्टेबल और मोहन मौर्या के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 323, 504 और 384 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दोपहर गिरफ्तार आरोपी सिपाही का चालान कर दिया गया। सीओ कोतवाली प्रदीप सिंह चंदेल ने बताया कि तीसरे आरोपी मोहन मौर्या उर्फ छोटू की तलाश की जा रही है।