Varanasi : वर्दी पर पहले भी लगा है दाग, शराब तस्करी के खेल में शामिल तीन सिपाहियों के गिरफ्तार होने के साथ इंस्पेक्टर पर गिरी थी गाज

Sanjay Pandey

Varanasi : ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जिले के मलाईदार पुलिस थानों में सुमार रामनगर थाने के पुलिसकर्मियों पर दाग लगा हो। बीते सितंबर 2019 में वाराणसी से हरियाणा ले जाई जा रही शराब की बड़ी खेप को चंदौली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पकड़ा था। मामले की जांच में पता चला कि शराब तस्करी के खेल में रामनगर थाने के दो और वाराणसी पुलिस लाइन में तैनात एक सिपाही भी शामिल हैं। एसपी चंदौली ने जब मामले की छानबीन आगे बढ़ाई तो शराब तस्करी के जांच की आग तत्कालीन रामनगर इंस्पेक्टर अनूप शुक्ला के गिरेबान तक पहुंच गई। मुगलसराय थाने की पुलिस ने 2019 सितंबर माह में औद्योगिक नगर क्षेत्र के पास से एक लग्जरी कार से हरियाणा निर्मित 566 बोतल (284 लीटर) शराब बरामद किया था। मौके से गिरफ्तार दो यिवकों से जब चंदौली पुलिस ने पूछताछ किया तो उन्होंने रामनगर थाने के सिपाहियों का नाम लिया। मामले की जांच में पता चला कि रामनगर थाने पर तैनात कांस्टेबल वैभव कुमार यादव, सोनू यादव और रामनगर थाने से लाइन हाजिर सिपाही अजीत यादव शराब तस्करी के खेल में शामिल हैं। मुगलसराय कोतवाल ने इसकी जानकारी एसपी चंदौली को दिया। जिसके बाद पूरे प्रकरण की तस्दीक खुद एसपी चंदौली ने किया था। बता दें कि इस मामले में जांच केवल सिपाहियों तक ही सीमित नहीं थी। शराब तस्करी के खेल में तत्कालीन रामनगर इंस्पेक्टर अनूप शुक्ला का नाम भी उजागर हुआ था। इस मामले में कार सवार हरियाणा प्रांत के झंझर जिला निवासी संदीप सिंह, दीपक, रामनगर थाने के कांस्टेबल वैभव कुमार यादव, सोनू यादव और अजीत यादव को गिरफ्तार किया गया था।

लंबे समय से चल रहा था खेल

शराब तस्करी के मामले में जब आरोपी तीनों सिपाहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी। एसपी चंदौली ने बताया था कि लंबे समय से वाराणसी से हरियाणा और बिहार के बीच बड़े पैमाने पर शराब तस्करी का खेल चल रहा था। संचालन रामनगर थाने से लाइन हाजिर हुआ सिपाही अजीत यादव कर रहा था। शराब तस्करों को माल जल्दी पहुंचाने और किसी को शंका न हो इसके लिए आरोपी सिपाही उन्हें लग्जरी कार भी मुहैया कराते थें। इसके साथ ही रामनगर थाने पर पकड़े जाने वाली अवैध शराब को भी चोरी छिपे आरोपी सिपाही माल खाने से निकालकर बिहार भेज देते थें।