Varanasi : बुनकरों को झेलनी पड़ रही दोहरी मार
लॉकडाउन लगने के साथ खत्म हुई बिजली की सब्सिडी
भुखमरी की कगार पर पहुंचे बुनकरी का काम करने वाले
Varanasi : बनारसी पान और बनारसी साड़ी के दीवाने पूरे विश्व में है। काशी का नाम भी लिया जाता है तो उसमें बनारसी पान और बनारसी साड़ी का जिक्र जरूर आता है, लेकिन हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि बनारसी साड़ी बनाने वाले बुनकर अब भूखे मरने के कगार पर खड़े हैं। इसके साथ ही उनके बुनकरी के पेसे पर भी ग्रहण लग गया है। मार्च माह से लॉकडाउन लगने के बाद जहां बुनकरों का काम पूरी तरह से ठप चल रहा है। वहीं बुनकरों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी भी खत्म कर दी गई है। एक तरफ बुनकर तबका तंग हालात में अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए इधर उधर भटक रहा है तो दूसरी ओर बिजली सब्सिडी खत्म होने से कईयों के पुश्तैनी कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। सरैया इलाके में रहने वाले बुनकर राज खान ने बताया कि बुनकरी उनका पुश्तैनी कारोबार है। लॉकडाउन लगने के बाद से कारोबार ठप हो गया है।
वहीं, कुछ दिनों पहले बिजली का बिल आने पर पता चला कि सरकार की ओर से बुनकरों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को भी खत्म कर दिया गया है। सरैया में रहने वाले फैजू, साजिद अंसारी और मुमताज अंसारी ने बताया कि अलावा उनके पास और कोई काम नहीं है। 4 महीने से अधिक समय से उनका कारोबार ठप चल रहा है। जो माल गद्दीदारों को देने के लिए बनाया गया था लॉक डाउन के कारण गद्दीदार उसे लेने से मना कर रहे हैं और बकाया पैसा भी नहीं मिल रहा है। स्थिति ऐसी हो गई है कि रिश्तेदारों से मदद मांग कर घर वालों का भरण-पोषण करना पड़ रहा है। कई बुनकरों ने आर्थिक तंगी के कारण लूम मशीन बेच कर घर में ही टाफी बिस्कुट की दुकानें खोल ली है।