Webinar : Covid-19 के पश्चात शोध की दिशा में नई दृष्टि की आवश्यकता- प्रो. देवदत्त शर्मा
Varanasi : वसंत महिला महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला के चौथे दिन बुधवार को हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला के भूगोल विभाग के प्रोफेसर देवदत्त शर्मा ने प्रथम सत्र में रिसर्च डिजाइन की बात करते हुए गुणात्मक और परिमाणात्मक डिजाइन के तुलनात्मक उदाहरण देते हुए बताया कि कोविड-19 के पश्चात शोध की दिशा में भी नयी दृष्टि की आवश्यकता है।क्योंकि वातावरण के बदलाव ने हमें शोध की दिशा में भी नवप्रवर्तन करने की जरुरत है।
दूसरे सत्र में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के प्रोफेसर शिरीष पाल सिंह ने सैद्धान्तिक नमूनों, सैचुरेशन की अवधारणा, सैद्धान्तिक संवेदनशीलता, तुलनात्मक अध्ययन की निरंतरता, संवेदनशीलता, धरातलीय चिंतन के माध्यम से यथार्थपरक चित्रण, मानवता के लिए नैतिकता और मूल्य जैसी अवधारणा के माध्यम से शोध प्रविधि में प्रयोग किये जा सकने वाले सैद्धान्तिकी की चर्चा की। कोविड-19 के कारण आने वाली पीढी के लिए नई प्रविधि के चिंतन की बात की।
अतिथियों का स्वागत कार्यशाला की संयोजिका डॉ विभा जोशी ने की तो दोनों सत्रों के सञ्चालन में आयोजन सचिव डॉ मिनाक्षी विश्वाल तथा डॉ आशा पांडेय ने अपनी भूमिका निभायी। राष्ट्रीय स्तर पर 140 प्रतिभागियों की भागीदारी से यह बेहद ऊर्जावान तरीके से यह आगे की और बढ़ रहा है।


