Webinar : सात दिवसीय Online workshop का समापन, 140 लोग हुए थे शामिल
Varanasi : वसंत महिला महाविद्यालय (राजघाट) के अर्थशास्त्र एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय शोध प्रविधि विषयक ऑनलाइन कार्यशाला का शनिवार को समापन हुआ। सात दिवसीय कार्यशाला में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीबी सिंह, प्रोफेसर अरविन्द जोशी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रोफेसर केपी पांडेय, प्रोफेसर राकेश रमन, प्रोफेसर मधु कुशवाहा, प्रोफेसर अमित कौत्स ने अपने व्याख्यान से कार्यशाला को समृद्ध किया। लगभग पुरे देश के 20 से अधिक विशेषज्ञों ने इस वेविनार के माध्यम से अपना-अपना वक्तव्य रखा। ऑनलाइन कार्यशाला में 140 प्रतिभागियों ने भाग लिया। संयोजिका विभा जोशी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोगियों मीडियाकर्मियों को धन्यवाद दिया।
बताते चले, प्रथम सत्र में प्रोफेसर रेवा रैना, ऋषिहुड यूनिवर्सिटी ने दस स्वर्णिम नियम न्यूम्बर्ग कार्ड के साथ अनैतिक शोध के हानिकारक प्रभाव के बारे में बताया। कोविड-19 के सन्दर्भ में चीन की प्रयोगशाला से फैले वायरस की बात करते हुए शोध की नैतिकता के पक्ष में अपनी बातों को रखा। दूसरे सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर किरणलता डंगवाल ने अपने उद्धबोधन में आईसीटी के प्रयोग के मानदंडों की बात करते हुए कॉपीराइट, इ टेक्स्ट के प्रयोग के नियम, वीडियो, चित्रों के प्रयोग के नैतिक पक्षों के बारे में बताया। चतुर्थ सत्र में प्रोफेसर हरिकेश सिंह (पूर्व कुलपति, जयप्रकाश विश्वविद्यालत,छपरा बिहार) ने शोध प्रस्ताव के मुख्य बिंदुओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना ही आपके शोध दर्शन का आधार है। समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर संजीव शर्मा (महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, चम्पारण बिहार) ने अपने वक्तव्य में लॉकडाउन के बेहतर प्रभाव के बारे में बताया। कहा कि प्रत्येक प्रभाव दोनों तरफ से आते हैं हमें पॉजिटिव प्रभाव को ग्रहण कर निगेटिव चीजों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
समापन सत्र में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अलका सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया तो अतिथियों का परिचय वेविनार की संयोजिका डॉ. विभा जोशी ने दिया। प्रबंधक एसएन दुबे ने अपने उद्धबोधन से प्रतिभागियों को कृष्णमूर्ति दर्शन के बरक्स मानवता की सेवा के लक्ष्य को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों का संचालन शिक्षा विभाग की डॉ. मिनाक्षी विश्वाल तथा डॉ. आशा पांडेय ने किया।


