Webinar : पांच दिवसीय online workshop के पहले दिन विशेषज्ञयों ने इन विषयों पर दिया Lectures
Varanasi : वसंत महिला महाविद्यालय, अंग्रेजी विभाग द्वारा 24 मई से मानवीय संघर्ष व उत्तरजीजीविषा निरूपण स्थानीय व सर्वव्यापी महामारियों के ख़तरों में विभिन्न साहित्यिक रचना विधाओं के माध्यमों नामक विषय पर पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। पहले दिन रविवार को सत्र का संचालन परास्नातक की छात्राओं हर्षा राय व प्राची चौहान ने किया। अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्रबंधक एस.एन. दुबे ने स्वागत वक्तव्य मे कहा की आज के विषम दौर मे साहित्य का बहुत बड़ा योगदान मानवीय मूल्यों के स्थापन व पुनर्स्थापन मे हैं।
कार्य शाला की संयोजिका प्रोफ़ेसर अलका सिह (प्राचार्य वसंत महिला महाविद्यालय) ने मानव के शाश्वत संघर्ष व उसके जिजीविषा की चर्चा महान साहित्यकारो जैसे प्रेमचंद, निराला, टेगोर , सेनापति, फ़क़ीर, एवं अनंतमूर्ति की लिखित रचनाओं से किया। उन्होंने यह भी कहा की मानव जनित समस्याओं का समाधान मानवीय भावनाओं जैसे प्रेम करुणा मानवीयता दया आदि के मूल्यों से ही किया जा सकता हैं। मुख्य वक्ता के रूप मे प्रोफ़ेसर अनिता सिंह (अंग्रेज़ी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय) ने समकालीन भारत मे परफॉर्मेंस कला व विरोध के स्वर के बारे मे अपने विचार रखें। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध परफॉर्मेंस से सम्बंधित रचनाकारों जैसे भरत, अरस्तू , रिचर्ड सकिकनर, विक्टर टर्नर, अँटोनीयो अर्तौड, ब्रेख़्त, बदल सरकार, गिरीश करनाड आदि की वृहत रूप से चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा की कला जीवन मे सहनशीलता लाता हैं जो की हिंसात्मक कृत्यों की आलोचना करते हुए मानवीय मूल्यों के लिए मार्ग प्रशस्त करता हैं।
इस कार्यशाला मे शामिल हुए प्रतिभागियों ने अपनी मूल रचनाओं के माध्यम से महामारी के वैविध्य रूपों पर अपने विचर रखें। सृष्टि डे ने ओडेन आज और कल, अलिशा मोहनती ने एकायक आघात, अनन्या मिश्रा ने यह कब तक चलेगा, व वंदना फ़र्श ने समय जैसे रचनाओं से कार्यशाला को सफल बनाया। इस कार्यशाला मे ७० प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम मे अंग्रेज़ी साहित्य के शिक्षक जैसे की डा. मंजरी झुनझुनवल डा. सौरभ सिंह, डा. रचना पांडेय, डा. सुनीता आर्या, डा. मंजरी शुक्ला व प्रियंका चक्रवर्ती ने भाग लेकर प्रथम दिवस के सत्र को सफल बनाया। अंत मे सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन हर्षा राय ने किया।


