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BHU में वेबिनार का आयोजन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह डाॅ. कृष्ण गोपाल बोले Corona जैसे संकट का मूलाधार है मांसाहार

Varanasi : महामना मालवीय मिशन काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई की ओर से शनिवार को आनलाइन फेसबुक, ट्विटर आदि विभिन्न माध्यमों द्वारा त्रिदिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। तीन दिन तक चलने वाले इस वेबिनार का विषय कोविड-19 वैश्विक संदर्भ में महामना की भारतीय जीवन दृष्टि है, जिसके उद्घाटन सत्र का आरम्भ मंगलाचरण तथा कुलगीत से हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री मानव संसाधन विकास डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि आज के संदर्भ में महामना का चिंतन निश्चित रूप से हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। हमारी सांस्कृतिक शक्ति ही हमारा संबल है। वेबिनार के आयोजकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि हम महामना की कल्पना के आधार पर नयी शिक्षानीति लेकर आयेंगे, जो वैदिक ज्ञान-विज्ञान आधारित होगी तथा महामना की परिकल्पनाओं पर खरी उतरेगी। इसी क्रम मेें प्रधानमंत्री द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय मेें वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना 18 सितंबर 2018 को की गयी है।

कोरोना जैसे संकट का मूलाधार मांसाहार

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह डाॅ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि सभ्यता कुछ वर्षों में बदल जाती है। संस्कृति दूध में घी जैसी चिरस्थायी है। कोरोना संकट के विषय में उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे संकट का मूलाधार मांसाहार है। मांसाहार अब वीभत्स रूप लेकर हमारे समक्ष खड़ा है। इस मांसाहार से मन के विचार भी दूषित होते चले जाते हैं। महामना और गांधी जी ने कभी मांसाहार को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमें ‘तेन त्यक्तेन भुंजीथा’ अर्थात् दान कर उपभोग करने की वैदिक संस्कृति को अपनाना चाहिए।

वेबिनार पर एक ई-पुस्तक भी प्रकाशित की जायेगी

स्वागत वक्तव्य में महामना मालवीय मिशन के अध्यक्ष डाॅ. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हमें वैदिक जीवन पद्धति के विकास माॅडल को अपनाते हुए विचार करना होगा जिसमें महामना द्वारा बताए गये प्रकृति के सभी अंगों के साथ समेकित विकास के माॅडल की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय वेबिनार के तकनीकी सत्रों से निकले विचारों से वैश्विक कोरोना महामारी के विषाणुओं से लड़ने का कोई न कोई मार्ग अवश्य प्रशस्त होगा। वेबिनार की परिकल्पना प्रस्तुत करते हुए संयोजिका प्रो. कविता शाह ने बताया कि इस वेबिनार पर एक ई-पुस्तक भी प्रकाशित की जायेगी।

हम सब संयमित होकर रहना सीख गये

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि इस कोरोना संकट काल में हम सब संयमित होकर रहना सीख गये हैं। हम सब अपने नैतिक कर्तव्यों का यथास्थान रहकर भिन्न-भिन्न निर्वहन कर रहे हैं और आगे भी हमें देशहित में ऐसा करते रहना होगा।

महामना का जीवन अत्यन्त सरल था

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति और महामना मालवीय मिशन काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई के संरक्षक प्रो. राकेश भटनागर ने कहा कि महामना का जीवन अत्यन्त सरल था। उनकी जीवनशैली का अनुसरण कोरोना से लड़ने में सहायक होगा। सत्र संचालन व धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव प्रो. सुमन जैन ने किया। इसके पूर्व मंगलाचरण की प्रस्तुति डाॅ. अनयमणि द्वारा तथा कुलगीत की प्रस्तुति डाॅ. मधुमिता भट्टाचार्या द्वारा की गई।

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