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Webinar : टूरिज्म को बचाने के लिए नये क्षेत्र खोजना आवश्यक- प्रोफेसर टी.एन सिंह

Varanasi : पर्यटन अध्ययन संस्थान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन कुलपति प्रो. टी.एन सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। वेबिनार में कोरोना वैश्विक महामारी में उत्तर प्रदेश के समक्ष चुनौतियां पर चर्चा की गई। कुलपति ने संबोधित करते हुए कहा कि टूरिज्म में कोरोना महामारी से आर्थिक घाटा हुआ है। इन क्षेत्रों में नया-नया उपाय खोजना पडे़गा। कहा कि घरेलू पर्यटन उद्योगों को बढावा देने के लिए विचार विर्मश करना आवश्यक है। जिसमें सरकार को भी व्यवस्था करनी होगी। इसकी कार्ययोजना तैयार किया जाय। विश्व में 75 मिलियन रोजगार समाप्त हो चुका है। वाराणसी में टूरिजम के कारण जो घटा हुआ है, वे तो हुआ ही है उसमें कई सेक्टर हैं जो प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन में लगभग पांच लाख करोड़ का नुकसान भी हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार को इस पर ध्यान रखना चाहिए। सरकार से जुड़ी सहायता मिलनी चाहिए। उन्होने कहा कि नये-नये क्षेत्रों को जोड़ना अति आवश्यक है। उन्होने कहा कि वाराणसी के आस-पास के क्षेत्रों को भी जोड़कर पर्यटन को बढाया दिया जा सकता है।

पर्यटन अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि काशी धार्मिक नगरी है। व्यापार में 40-50 प्रतिशत भाग चलता है। कोविड-19 की वजह से यह क्षेत्र बहुत प्रभावित हुआ है। काशी के सभी उद्योग से जुडें व्यापारियों पर भी बहुत प्रभाव पड़ा है। लॉकडाउन में जितनी पाबंन्दिया हैं सेनेटाइजेशन, शारीरिक दूरी का पालन कडाई से करना पड़ रहा है। ट्रैवेल एजेन्सी, टैक्सी और टिकट बुक करने वाले पर बहुत प्रभाव पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से पर्यटन से जुडे़ सभी उद्योगो को प्रभावित किया है। पर्यटन अधिकारी वाराणसी मिर्जापुर मंण्डल क्रीर्तिमान श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 की वजह से रोजगार, टूरिजन से जुडे क्षेत्रो में संकट उत्पन्न हो गया है, सोशल डिस्टेन्सिंग सहित अन्य नियमों का पालन करके आगे बढ़ा जा सकता है। इस महामारी में कई उद्योग बंद पडे़ हुए हैं। इसको आगे बढ़ाने के लिए सरकार के गाइड लाइन पर ही आगे बढ़ा जा सकता है।

अध्यक्ष टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी के अध्यक्ष राहुल मेहता ने बताया कि पर्यटन उद्योग इस महामारी में प्रभावित हुआ है। धार्मिक नगरी में फरवरी के बाद पर्यटको का आगमन होता था। इस महामारी की वजह से पर्यटक नहीं आ रहे हैं। पर्यटन को आगे कैसे बढ़ाया जाय इस पर विचार करना आवश्यक है। वर्तमान में मंन्दिर खुल रहे हैं। आगे पर्यटको का आगमन की उमीद है। उन्होंने कहा कि नया दौर आ गया है। इसमें नये तरीके से पर्यटन उद्योग को बढाया जाय। सलाहाकार एयरपोर्ट अथारिटी वाराणसी प्रदीप चौरसिया ने कहा कि घरेलू उद्योग को बढावा देना पडे़गा। सरकार को इसमें मदद की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि टैक्सी, इन्श्योरेन्श आदि में छूट मिले ये कई दिनों से बंद पडे़ हुए थे, आगे बढने की नयी रणनीति तैयार करनी पडेगी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योतिमा सिंह ने किया। आभार प्रो. संतोष कुमार ने किया। इस अवसर पर पर्यटन संस्थान की सहायक निदेशिका डॉ. निशा सिंह, डॉ. अमरेन्द्र सिंह, मोनालिसा सिंह, ह्दयलाल, अतुल कुमार, प्रेम मिश्रा, चंदन रमानी, शशिकान्त दूबे, शेखर झा, विष्णु कान्त उपाध्याय, अभिषेक झां, अनुज सहित अन्य लोग मौजूद थें।

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